जिला शिमला के थाना कोटखाई के तहत 2017 में गुड़िया दुष्कर्म व हत्या और सूरज की पुलिस लॉकअप में मौत से लोगों में बहुत आक्रोश फैला। स्कूली छात्रा से दुष्कर्म व हत्या को लेकर गठित एसआइटी ने राजू व सूरज और उसके अन्य साथियों को शक के बिना पर हिरासत में लिया। नेपाली सूरज की पुलिस लॉकअप में मौत हो गई जिससे लोगों में काफी आक्रोश फैल गया और लोगों ने कोटखाई पुलिस थाने को ही आग लगा दी थी। प्रदेश सरकार द्वारा इस मामले को लेकर गठित एसआइटी पर सवाल खड़े किए गए और सीबीआइ या दूसरी किसी एजेंसी से जांच की मांग को लेकर धरने प्रदर्शन हुए। आम लोग सड़कों पर उतरे और पूरे प्रदेश में धरना प्रदर्शन किए गए। यही नहीं ठियोग में बहुत बड़ी जनसभा हुई जिसमें पुलिस थाने पर पथराव भी हुआ। मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्कालीन वीरभद्र सरकार ने मामले की जांच सीबीआइ को सौंप दी।
वीरभद्र सरकार का कार्यकाल पूरा होने के बाद जब प्रदेश में दोबारा से 2018 में विधानसभा के चुनाव हुए तो कोटखाई दुष्कर्म व हत्याकांड के कारण दोबारा से सरकार नहीं बन सकी जिसका बहुत बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ा। भाजपा ने 2018 के चुनाव में कोटखाई दुष्कर्म मामले को चुनावी मुद्दा बनाया जिसका बहुत बड़ा नुकसान हुआ और कोटखाई विधानसभा क्षेत्र से ही कांग्रेस की हार नहीं हुई बल्कि शिमला शहरी और इसके अलावा प्रदेश में भी करारी हार हुई। सुजानपुर से प्रेम कुमार धूमल की हर होने के कारण भाजपा ने जयराम को मुख्यमंत्री बनाया। कोटखाई दुष्कर्म मामले से पूर्व वीरभद्र सरकार के रिपीट होने की बात की जा रही थी और पूरी तरह से दोबारा सत्ता में आने की चर्चाएं चल रही थी ऐसे में इस मामले ने कांग्रेस को बैक फुट पर ला दिया था।