हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने पूर्व की जयराम सरकार के फैसले को पलटते हुए यमुनानगर की जमीन को चार करोड़ की लीज पर हरियाणा सरकार को दिए जाने को रद्द कर दिया है। वर्तमान सरकार ने इसे महत्वपूर्ण जमीन मानते हुए और लीज मनी को कम बताते हुए इसे रद्द कर दिया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यमुनानगर की करीब 35 बीघा जमीन लीज पर है जो 1927-28 में राजा जुब्बल द्वारा लीज पर निजी व्यक्ति से ली थी। इसे वहां पर इमारती व अन्य लकडियों को रखने के लिए लिया गया था।
राजाओं का राज समाप्त होने के बाद ये जमीन सरकार के अधीन आ गई थी और वन विभाग के अधीन थी। पूर्व की जयराम सरकार के समय इसे हरियाणा सरकार को लीज पर चार करोड़ रुपये में दिया गया। शुक्रवार को हुई मंत्रिमंडल कह बैठक में इस वन भूमि की लीज को समाप्त करने का प्रस्ताव लाया गया जिसे मंजूरी प्रदान कर दी गई।
मिली जानकारी के अनुसार इसकी लीज की अवधी अगले वर्ष समाप्त हो रही है और ये निजी व्यक्ति से उस समय ली गई थी। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने बताया कि इस भूमि को वापिस लिया जा रहा है और लीज को रद्द करने को मंजूरी दी गई है। जो राशि ज्यादा देगा उसके दी जाएगी।