मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति आपदा प्रभावित अपने रिश्तेदार या दोस्त को 5 या 10 बिस्वा भूमि देगा तो उसकी रजिस्ट्रेशन फीस नहीं लगेगी। उन्होंने कहा कि जो प्रभावित परिवार है, वह आपदा प्रभावित क्षेत्रों में नहीं बसना चाहते है। ऐसे केंद्र प्रदेश सरकार को अधिकार दे, ताकि आपदा प्रभावित परिवारों को वन भूमि में एक बीघा भूमि उपलब्ध करवा बसाया जा सकें। मुख्यमंत्री शनिवार को शिमला में मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश को जो 68 प्रतिशत भाग है, वह वन भूमि है तथा 32 प्रतिशत प्रदेश जनता के पास बच जाता है। इसे देखते हुए यदि केंद्र सरकार थोड़ी सी भी ढील दे तो आपदा प्रभावितों को वन क्षेत्र में भूमि उपलब्ध करवाकर बसाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसे में अब केंद्र सरकार पर सब कुछ निर्भर करता है।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि आपदा प्रभावित मंडी जिला के सरकार ने विशेष 100 करोड़ के पैकेज की घोषणा की है। निश्चित तौर से उसका सबसे अधिक लाभ यदि किसी विस क्षेत्र को होगा तो वह पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के विस क्षेत्र को होगा, वहां नुकसान भी अधिक हुआ। उन्होंने कहा कि हम चाहते है कि जिन परिवारों के घर उजड़ गए है, उन्हें बसाया जाए। उन्होंने कहा कि चारों सांसद एवं अन्य विपक्ष के सदस्य केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा के नेतृत्व में दिल्ली गए थे, ये खुशी की बात है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 में जब प्रदेश में एक बहुत बड़ी आपदा आई थी तो सरकार ने 4500 करोड़ का विशेष पैकेज अपने आर्थिक संसाधनों से लाया। उस समय में भी विपक्ष के सदस्यों से बार-बार आग्रह किया गया था कि हमारे साथ दिल्ली चलें, लेकिन विपक्ष का कोई नेता नहीं गया था। उस समय विधानसभा में प्रस्ताव लाया तो विपक्ष वाकआउट कर गया। अच्छी बात है कि केंद्रीय मंत्री नड्डा सभी को साथ लेकर केंद्र के समक्ष गए, जिसका स्वागत है लेकिन विशेष आपदा रिलीफ पैकेज का अभी भी प्रदेश को इंतजार है।
प्रदेशवासियों के साहस की सराहना करता हूं : राज्यपाल शुक्ल
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सरकार आपदा से निपटने के लिए काम रही है। उन्होंने कहा कि मैं आपदा प्रभाावित प्रदेश के कई क्षेत्र में गया। उन्होंने कहा कि वह प्रदेशवासियों के साहस की सराहना करते है। उन्होंने कहा कि जिस सडक़ से जाने में मुझे डर लग रहा था, वहां लोग फर्राटे से चल रहे थे। साथ ही कहा जिन क्षेत्रों में वह प्रभावितों को सामग्री वितरित कर रहे थे, वहां के लोगों में एक-दूसरे के प्रति सम्मान था। ये हिमाचल की बहुत बड़ी बात है, जो अन्य स्थानों पर कम देखने को मिलता है।
नुकसान के मुकाबले केंद्र से मदद नहीं मिली: अग्रिहोत्री
उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा कि हिमाचल में आपदा से बहुत नुकसान हो रहा है। पहले 10 से 12 हजार करोड़ का नुकसान हुआ लेकिन उसके मुकाबले में केंद्र से मदद नहीं मिल पाई। इस बार फिर नुकसान हुआ। खासतौर पर जल शक्ति विभाग को बहुत नुकसान हुआ। कई परियोजनाएं बह गई और उनको बहाल करने के लिए बहुत बड़ी राशि की जरूरत है। केंद्र से मदद का आग्रह किया है। साथ ही अपने संसाधनों से भी प्रयास किए जा रहे है। शिमला में भी कई योजनाएं प्रभावित हुई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार हर आपदा प्रभावित को राहत देने का काम रही है।