मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के इतिहास का सबसे बड़ा मानसून सत्र आयोजित कर रही है। विपक्ष पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि वह वॉकआउट के बजाए सदन में बैठे। हिमाचल को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सुझाव देंगे तो हम उन्हें सुनेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा सत्र विपक्ष के लिए होता है। विपक्ष का कार्य केवल वॉकआउट करना न हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि वॉकआउट से केवल समय बर्बाद होगा हिमाचल का उत्थान नहीं होगा।
विपक्ष पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा 5 धड़ों में बंटी पार्टी है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर की बात को भी नहीं सुना जाता। जब जयराम ठाकुर बोलने के लिए उठते हैं तो उनका दूसरा विधायक हाथ उठा लेता है। ऐसे में विधानसभा अध्यक्ष भी पसोपेश में आ जाते हैं कि किसे मौका दें। उन्होंने विपक्ष से आग्रह किया कि वे वॉकआउट के बजाए जनहित के मुद्दों को सदन में उठाए ताकि उन पर सार्थक चर्चा हो सके।
पर्यावरण बदलाव व ग्लोबल वार्मिंग बादल फटने का कारण
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुल्लू, किन्नौर, लाहुल स्पीति में बादल फटे हैं। किन्नौर व लाहुल स्पीति में पहले ऐसा नहीं होता था। इस बार बारिश ने वहां तबाही मचाई है। उन्होंने कहा कि यह ग्लोबल वार्मिंग व पर्यावरण बदलाव से हुआ है। केंद्र सरकार के समक्ष भी उन्होंने यह मामला उठाया था। केंद्रीय टीम यहां आई थी। यह टीम कारणों का पता लगाएगी कि बादल क्यों फट रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में बर्फ पड़ती थी वहां बारिश तबाही मचा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बादल फटने और बाढ की घटनाओं ने प्रदेश को काफी नुकसान हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार से प्रदेश को विशेष राहत पैकेज का मामला भी उठाया गया है। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि जब 2023 में आपदा आई थी उस समय भाजपा ही चर्चा लाई थी। सदन में विशेष राहत पैकेज का प्रस्ताव पारित करने की बात आई तो विपक्ष सदन से वॉकआउट करके चला गया था। उस वक्ता सबसे ज्यादा 10 हजार करोड़ का नुकसान हुआ था। अब जब सराज में आपदा आई है तो विपक्ष राहत पैकेज की मांग को लेकर दिल्ली जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अच्छी बात है, लेकिन अभी तक केंद्र से कोई राहत नहीं मिली है।