9 महीने के लंबे इंतजार के बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी का गठन होने जा रहा है। इस बार कांग्रेस कार्यकारिणी में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। अध्यक्ष पद जातीय व क्षेत्रीय आधार के बजाए दमदार नेता की ताजपोशी होगी। हाईकमान यह पहले ही स्पष्ट कर चुका है। पार्टी आलाकमान राज्य कार्यकारिणी में पदाधिकारियों की नियुक्ति करते वक्त पूरा समन्वय बनाएगा। पार्टी में वरिष्ठ नेताओं को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा। उन्हें संगठन में कुछ जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। राज्य कार्यकारिणी का आकार छोटा होगा। इसमें 100 से 120 के करीब पदाधिकारी हो सकते हैं। ज्यादा से ज्यादा कार्यकर्ताओं को पद देने के लिए संगठनात्मक जिला व ब्लॉक की संख्या बढ़ाई जाएगी।
वर्तमान में कांग्रेस 12 जिला व 1 शिमला शहरी का अलग से अध्यक्ष बनाती है। यानी कुल 13 जिला अध्यक्ष बनाए जाते हैं। इसे बढ़ाकर 17 किया जा सकता है। इसी तरह 73 ब्लॉक है, इसे बढ़ाया जाएगा। राहुल गांधी युवाओं के साथ हर वर्ग को आगे लाने की पैरवी कर चुके हैं। ऐसे में उनकी पसंद भी प्रदेश की नई टीम में देखने को मिलेगी। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार पार्टी हाईकमान सभी की राय जान चुका है। अब दिल्ली में बैठक नहीं होगी केवल ऐलान किया जाएगा।
पिछली बार कार्यकारी अध्यक्ष बनाए थे
पूर्व में जब कुलदीप राठौर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष थे, तब पार्टी हाईकमान ने समन्वय बनाने के लिए कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति की थी। ये कार्यकारी अध्यक्ष ही पार्टी छोड़कर चले गए थे। वहीं कुछ वरिष्ठ नेताओं ने इस का भी विरोध किया था। उनका तर्क था कि राज्य अध्यक्ष के कार्य में यह हस्तक्षेप होता है। ऐसे में हाईकमान इस बार समन्वय के साथ ही आगे बढ़ेगा।
निकाय चुनाव में होगी परीक्षा, पता चलती है मजबूती
इस साल के अंत में सात नगर निगम, 29 नगर परिषद, 37 नगर पंचायत, 259 जिला परिषद, 91 ब्लॉक समितियों के गठन सहित 3577 पंचायतों में चुनाव होने हैं। पार्टी की जमीनी स्तर पर सक्रियता व मजबूती इन चुनावों से पता चलती है। हर राजनीतिक दल चाहता है कि जिला परिषद अध्यक्ष, नगर निगम में महापौर व उपमहापौर, ब्लाक समिति अध्यक्ष व पंचायत प्रधान उनके दल के हों। विधानसभा चुनाव में इसका लाभ उन्हें मिलता है। ऐसे में जल्द प्रदेश कांग्रेस कमेटी गठित करने की पैरवी की जा रही है और हाईकमान बेहतर कार्यकारिणी के चयन के कारण विलंब कर रहा है।
क्या कहते हैं सह प्रभारी
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी सचिव व प्रदेश सह प्रभारी विदित चौधरी ने बताया कि कार्यकारिणी के गठन को अंतिम रूप दिया जा रहा है। एक सप्ताह के भीतर ही इसका ऐलान कर दिया जाएगा। पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट, कार्यकर्ताओं का फीडबैक, मंत्रियों व विधायकों की राय सभी का अवलोकन करने के बाद ही कार्यकारिणी का गठन होगा।