सरकार ने होम स्टे नीति पर मोहर लगाने से पहले कमरों के आकार व शुल्क दरें घटाने का निर्णय लिया है। इस संबंध में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि होम स्टे ड्राफ्ट को ऐसा स्वरूप दिया जाए, जोकि संचालकों के उपयुक्त हो। वर्तमान पंजीकरण व नवीकरण की प्रस्तावित बारह हजार रुपये को कम किया जाएगा। इसी के तहत कमरों के आकार की शर्तों में भी कुछ ढील दी जा रही है। ऐसे में पांच मई को मंत्रिमंडल की बैठक में संशोधित होम स्टे ड्राफ्ट-2025 जाने की संभावना कम नजर आ रही है।
होम स्टे संचालकों को प्रदेश सरकार ने राहत प्रदान करने का निर्णय लिया है। गत वर्ष, 2024 में होम स्टे ड्राफ्ट मंत्रिमंडल की स्वीकृति प्राप्त होने के बाद हितधारकों के सुझाव व आपत्तियां लेने के लिए सार्वजनिक किया गया था। इस दौरान सभी जिलों से होम स्टे संचालकों द्वारा 325 आनलाइन, आफलाइन व लिखित तौर पर होम स्टे का विरोध किया गया था। जिसे देखते हुए सरकार ने पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग को संशोधित करके दोबारा होम स्टे व बीएंडबी संचालन के लिए उपयुक्त ड्राफ्ट तैयार करने के निर्देश दिए थे। तीन माह तक विभागीय अधिकारियों ने इसमें हितधारकों के हितों को दृष्टिगत रखते हुए संशोधित ड्राफ्ट सचिवालय को भेजा। नया होम स्टे ड्राफ्ट आने से पहले तक राज्य में 4200 से अधिक होम स्टे पंजीकृत थे। सरकार की शर्त को देखते हुए तीन महीनों के दौरान 1659 संचालकों ने ही पंजीकरण करवाया था।
पिछले ड्राफ्ट में डबल बेड व सिंगल बेड का आकार 120 वर्ग मीटर व 100 मीटर निश्चित किया गया था और बाथरूम का आकार 80 वर्ग मीटर प्रस्तावित किया गया था। जबकि होम स्टे नीति-2008 में कमरों का आकार 100 वर्ग मीटर से नीचे था। यदि नए ड्राफ्ट को मंत्रिमंडल की स्वीकृति प्राप्त होती है और होम स्टे संचालकों को कोई एतराज नहीं हुआ तो पिछले अढ़ाई साल से तैयार की जा रही होम स्टे नीति-2025 धरातल पर उतर जाएगी।