उत्तराखंड में सामान्य नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू करने पर प्रदेश सरकार के दो मंत्रियों विक्रमादित्य सिंह एवं राजेश धर्माणी ने प्रश्न उठाए हैं। उनका कहना है कि भाजपा ने उत्तराखंड में यूसीसी को राजनीतिक लाभ से लागू किया है। इसी तरह से वह देश पर भी इसको लागू करना चाहती है। उनका कहना है कि भारत विविधताओं से भरा देश है और यहां ऐसा कानून लागू करना जल्दबाजी होगा। दोनों मंत्रियों ने पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में यह बात कही।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों की अपनी एक अलग संस्कृति रही है, जहां पर ऐसे कानून को लागू करने में परेशानी आएगी। उन्होंने कहा कि इसमें बहुत से विरोधाभास है, जिसको दूर करने के लिए सबको विश्वास में लिया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि इसे लागू करना संविधान में मिले अधिकारों पर कुठाराघात करने जैसे होगा। क्या ऐसे में केंद्र सरकार इसके लिए संविधान में संशोधन करेगी? उन्होंने कहा कि इस विषय में जो पक्ष कांग्रेस हाईकमान को होगा, उसके आधार पर आगे बढ़ा जाएगा। राजेश धर्माणी ने आरोप लगाया कि भाजपा राजनीतिक लाभ के लिए ऐसा कर रही है। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म में ही बहुत से रीति-रिवाज और विविधताएं हैं, जिसको एक पैमाने पर नहीं आंका जा सकता। उन्होंने कहा कि भाजपा इसमें सिर्फ अपना राजनीतिक लाभ देख रही है, इसके अलावा कोई दूसरा मकसद नहीं हो सकता।
भांग की खेती बदल सकती है प्रदेश की आर्थिकी
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि भांग की खेती प्रदेश की आर्थिकी को बदल सकती है। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल से मंजूरी के बाद इस विषय पर अध्ययन करने के लिए प्रदेश के 2 विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिकों को दायित्व सौंपा गया है। ऐसे में यदि भांग में नशे की मात्रा को कम करने में मदद मिली, तो इसे औषधीय एवं उद्योग के रुप में इस्तेमाल किया जा सकता है। इसकी दवाएं कैंसर जैसी दवा बनाने में भी मददगार हो सकती है। यदि विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिक इस पर अपनी सहमति देते हैं, तो इसे कानूनी तरीके से लागू किया जाएगा। इसके अलावा नशे के रुप में उपयोग में लाने की स्थिति में पहले की तरह कानूनी कार्रवाई करने के विकल्प मौजूद है।
केंद्रीय बजट में उदार वित्तीय मदद मांगी
तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत मेें कहा कि केंद्रीय बजट में हिमाचल प्रदेश को उदार वित्तीय मदद मिलनी चाहिए। उन्होंने जैसलमेर में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से बजट पूर्व बैठक में इस विषय को उठाया था। उन्होंने कहा कि हिमाचल की परिस्थिति अलग तरह की है। ऐसे में यहां पर 90:10 के अनुपात से पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी वित्तीय मदद उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया था। उन्होंने कहा कि प्रदेश को लंबी अवधि के लिए ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध करवाने के अलावा पेड़ों को बचाने की एवज ग्रीन बोनस जैसी मदद मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के पड़े बचाने से ग्लेशियर सुरक्षित है, नदियों में पानी है और देश के लोगों को शुद्ध हवा मिल रही है।