भारत सरकार ने वर्ष 2021 से जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी ‘बिरसा मुंडा’ की जयंती के अवसर पर 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है।
बिरसा मुंडा न केवल एक स्वतंत्रता सेनानी, बल्कि समाज सुधारक थे जिन्होंने ब्रिटिश औपनिवेशिक सरकार की शोषणकारी व्यवस्थाओं के खिलाफ उलगुलान (विद्रोह) जनजातीय आंदोलन का नेतृत्व किया था।
उन्हें धरती अब्बा के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि उन्होंने जनजातीय लोगों को उनकी सांस्कृतिक जड़ों को समझने और एकता का पालन करने के लिए प्रोत्साहित किया था।