न्यायाधीश सबीना व न्यायाधीश सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने मामले पर दोनों पक्षकारों की बहस सुनने के पश्चात अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
इस मामले में न्यायालय ने पहले ही राज्य सरकार, मंडलीय आयुक्त, उपायुक्त शिमला व राज्य चुनाव आयोग से जवाब तलब किया था। याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार नाभा फागली टूटीकंडी समरहिल व बालूगंज वार्डों का पुनः सीमांकन मनमाने तरीके से किया गया है। फ़ागली व टूटी कंडी वार्डों के क्षेत्र को बढ़ाने के लिए नाभा वार्ड के क्षेत्र को बिल्कुल कम कर दिया गया। पहले की अपेक्षा अब नाभा वार्ड आधा रह गया।
फ़ागली वार्ड को इतना बड़ा कर दिया कि नगर निगम के सभी वार्डों की अपेक्षा फागली वार्ड का क्षेत्र अधिक हो गया। इसके अलावा बालूगंज वार्ड का वह क्षेत्र भी समरहिल में मिला दिया गया जो कि बालूगंज के नाम से ही जाना जाता है।
याचिकाकर्ता का यह आरोप है कि राजनीतिक लाभ लेने के उद्देश्य से इन वार्डों का पुनः सीमांकन किया गया है जो कि कानून की दृष्टि से गलत है। प्रार्थी ने 24 जून 2022 व 8 जुलाई 2022 को मंडलीय आयुक्त शिमला व उपायुक्त शिमला द्वारा पारित आदेशों को रद्द करने की न्यायालय से गुहार लगाई है।