Supreme Court Approves Shimla Development Plan; Suresh Bhardwaj Congratulates Residents

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जयराम सरकार के शिमला डेवलपमेंट प्लान को अब सुप्रीम से भी हरी झंडी मिल गई है. सर्वोच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल के 2017 के उस फैसले को खारिज कर दिया है, जिसमें शिमला योजना क्षेत्र में निर्माण गतिविधियों पर ढाई मंजिल की शर्त लगा थी। इसके साथ ही शिमला कोर व ग्रीन एरिया में भी भवन निर्माण पर पूरी तरह से रोक लगा दी थी। पूर्व शहरी मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि शिमला शहर के लोगों को इन आदेशों की सख्त आवश्यकता थी। उन्होंने इस जनहित के फैसले के लिए उच्च न्यायालय का आभार जताया।
उन्होंने कहा कि जयराम सरकार ने इस फैसले के खिलाफ अपील दायर की थी ।एनजीटी के इन आदेशों को सेट ए साइट यानि खत्म करते हुए राज्य सरकार को नए प्लान के मुताबिक ही इस क्षेत्र में भवन निमार्ण की मंजूरी देने के आदेश दिए हैं। सर्वोच्च न्यायालय में वीरवार को न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति पी के मिश्रा और संदीप मेहता की खंडपीठ ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के नवंबर 2017 के फैसले को पलट दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने 2018-19 में हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से दायर विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) की सुनवाई के दौरान योगेन्द्र मोहन सेन की शिकायत पर एनजीटी के 2017 के फैसले को चुनौती दी थी। इसमें शिमला योजना क्षेत्र में निर्माण गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया था।

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