प्रदेश सरकार आर्थिक संकट से गुजर रही है, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू इस संकट से बाहर निकलने के लिए एक के बाद एक प्रयास कर रही है। राज्य को पटरी पर लाने के लिए मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार ने बहुत साहसिक निर्णय लेते हुए लीज पर दी गई जमीनों में से खाली पड़ी जमीन को वापस लेने का कदम उठाया है। इसके लिए राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडलीय उप-समिति का गठन किया गया है। ये उप-समिति शीघ्र पता लगाएगी कि उद्योग स्थापित करने के लिए जिन कंपनियों ने जमीन ली थी, इसी तरह से जल विद्युत परियोजनाएं स्थापित करने के लिए जमीन ली थी और सरकार से एक रुपये की लीज पर जमीन लेकर सैंकड़ों बीघा जमीन पर कब्जा करके बैठी कंपनियों से खाली पड़ी जमीन वापस ली जाएगी।
ऐसी संस्थाओं या फिर कंपनियों, व्यक्तियों का पता लगाया जाएगा, जोकि प्रदेश के लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाने का कारण बताकर सैंकड़ों बीघा जमीन लेकर निजी हित साध रहे हैं। इसके दायरे में धार्मिक संगठन, मंदिर, सभाएं, समितियां भी आएंगी। इस मंत्रिमंडलीय उप-समिति में जगत सिंह नेगी के साथ अनिरूद्ध सिंह, विक्रमादित्य सिंह, राजेश धर्माणी सदस्य होंगे। ये समिति लीज पर दी गई जमीनों का पूरा रिकार्ड लेगी। एक रुपये की लीज वाले प्रोजेक्टों को सामने लाकर उनसे बाजार मूल्य पर धनराशि लेने का रास्ता निकाला जाएगा।
29 परीक्षाओं का परिणाम निकालने का रास्ता निकालेंगे मुकेश अग्निहोत्री
हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग भंग होने के बाद 29 प्रतियोगी परीक्षाएं ऐसी हैं, जिनका परीक्षा परिणाम नहीं निकला है। सतर्कता विभाग के पास जिस कोड नंबर-817 का परिणाम नहीं निकल रहा है और अभ्यार्थी आज भी सचिवालय का घेराव करने के लिए पहुंचे हुए थे, इसी तरह से 890 सहित कई 9 परीक्षा कोड विजिलेंस के पास जांच के दायरे में हैं। इसके अतिरिक्त 20 प्रतियोगी परीक्षाएं ऐसी हैं जिनके परीक्षा परिणाम विभिन्न कारणों से नहीं निकल पाए हैं। इन सभी परीक्षा परिणामों को निकालने के संबंध में उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में मंत्रिमंडलीय उप-समिति का गठन किया गया है। इस उप- समिति में हर्षवर्धन चाहौन, जगत सिंह नेगी, विक्रमादित्य सिंह व यादवेंद्र गोमा को सदस्य नामित किया गया है। ये मंत्रिमंडलीय उप-समिति परीक्षा परिणाम निकालने संबंधी नियमों का पता लगाएगी।
खाली पड़े सरकारी भवनों का पता लगाएगी धर्माणी समिति
कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडलीय उप-समिति पता लगाएगी कि प्रदेश में कितने सरकारी भवन खाली पड़े हैं। ये भी पता लगाया जाएगा कि किन विभागों के पास आवश्यकता से अधिक स्थान उपलब्ध है। इस तरह की जानकारी का डाटा तैयार करके मंत्रिमंडल के समक्ष लेकर जाएंगे। उसके बाद जिन सरकारी विभागों के पास स्थान की कमी है, ऐसे विभागों को अधिक जगह लेकर बैठे विभागों में बैठने के लिए स्थान दिया जाएगा। कई ऐसे विभाग भी हैं, जिनके पास कर्मचारियों का स्टाफ गिनती है और अधिक बड़ा भवन या फिर इमारत लेकर बैठे हुए हैं। ऐसे विभागों को छोटे भवनों में भेजा जाएगा और अधिक स्थान की मांग करने वाले विभागों को जगह दी जाएगी। राजेश धर्माणी की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडलीय उप-समिति में अनिरूद्ध सिंह व यादवेंद्र गोमा सदस्य होंगे।