मध्य प्रदेश के ओंकारेश्वर में 90 मेगावाट फ्लोटिंग सोलर परियोजना के लिए एसजेवीएन ने विद्युत खरीद समझौते पर भोपाल में हस्ताक्ष किए। मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नंद लाल शर्मा की मौजूदगी में हस्ताक्षर किए गए। मध्य प्रदेश के ओंकारेश्वर में 90 मेगावाट फ्लोटिंग सोलर परियोजना (एफएसपी) के लिए विद्युत खरीद समझौते (पीपीए) पर भोपाल में हस्ताक्षर किए गए। परियोजना के लिए पीपीए एसजेवीएन ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एसजीईएल), मैसर्स एमपी पावर प्रबंधन कंपनी (एमपीपीएमसीएल) और मैसर्स रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड (आरयूएमएसएल) के मध्य हस्ताक्षरित किया गया।नंद लाल शर्मा ने अवगत कराया कि मध्य प्रदेश राज्य में एसजेवीएन की पूर्ण स्वामित्व वाली अधीनस्थ कंपनी एसजीईएल द्वारा निष्पादित किया जा रहा यह पहली फ्लोटिंग सोलर परियोजना है। परियोजना को ई-रिवर्स ऑक्शन के माध्यम से आरयूएमएसएल की टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया में बिल्ड, ओन और ऑपरेट के आधार पर 3.26 रुपये प्रति यूनिट की दर से प्राप्त किया गया है। उन्होंने कहा कि एफएसपी के निष्पादनार्थ लेटर आफ अवार्ड आरयूएमएसएल द्वारा जारी किया गया है। परियोजना के निष्पादन की संभावित लागत 585 करोड़ रुपए है और इसे पीपीए पर हस्ताक्षर से 15 माह की अवधि में कमीशन किया जाना है। परियोजना से पहले वर्ष में 194 मियू विद्युत उत्पादन तथा 25 वर्षों की अवधि में 4570 मियू संचयी विद्युत उत्पादन अपेक्षित है। इस परियोजना की कमीशनिंग से 2.3 लाख टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी। यह वर्ष 2070 तक भारत को शून्य कार्बन उत्सर्जन राष्ट्र बनाने की दिशा में हमारा योगदान होगा।पीपीए पर हस्ताक्षर करने के अवसर पर मध्य प्रदेश सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री हरदीप सिंह डांग, मध्य प्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, ऊर्जा विकास निगम के अध्यक्ष गिरराज दंडोतिया, एसजेवीएन के निदेशक (वित्त), एके सिंह, एसजीईएल के सीईओ श्री एस एल शर्मा तथा एसजीईएल और मध्य प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे। एसजेवीएन का कुल पोर्टफोलियो 31705 मेगावाटएसजेवीएन का कुल पोर्टफोलियो 31705 मेगावाट है। जिसमें से सौर और पवन का पोर्टफोलियो 3700 मेगावाट है। एक नए उत्साह के साथ सशक्त नवीकरणीय ऊर्जा पोर्टफोलियो द्वारा एसजेवीएन वर्ष 2023 तक 5 हजार मेगावाट, 2030 तक 25 हजार मेगावाट तथा वर्ष 2040 तक 50 हजार मेगावाट स्थापित क्षमता के साझा विजन को प्राप्त करने के लिए अग्रसर है।