संपर्क सड़कों को हुए नुकसान को लेकर लोक निर्माण विभाग ने एनएचएआइ से 170 करोड़ मांगें

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राज्य में प्राकृतिक आपदा और बाढ़ के कारण लोक निर्माण विभाग की सड़कों को हुए नुकसान को लेकर 170 करोड़ का भुगतान करने का मामला उठाया है। लोक निर्माण विभाग की ओर से भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) को लिखा गया है कि फोरलेन और राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित होने के कारण प्रदेश की संपर्क सड़कों पर वाहनों का दबाव बढ़ा। परिणामस्वरूप प्रदेश सरकार की जिला स्तर और संपर्क सड़कों को भारी नुकसान पहुंचा है, जिसकी जिम्मेदारी एनएचएआइ को लेनी चाहिए। इस संबंध में निर्माण भवन से एनएचएआइ को तीसरी बार पत्र लिखा गया है, जिसमें खराब हुई प्रत्येक संपर्क सड़क का ब्याैरा दिया गया है।

गडकरी की घोषणा का गलत मतलब तो नहीं निकाला गया
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा जुलाई माह में बाढ़ प्रभावित कुल्लू जिला का दौरा किया गया था। उस समय उन्होंने ये कहा था कि इस क्षेत्र में फोरलेन के साथ प्रभावित हुई सड़कों के पुर्ननिर्माण का खर्च एनएचएआइ करेगा। लेकिन केंद्रीय मंत्री के कथन को पूरे प्रदेश के साथ जोड़ दिया गया। संभवत: उन्होंने क्षेत्र विशेष के संबंध में ये बात कही थी।

बयान
 संपर्क सड़कों की हालत ये हो चुकी है कि इन सड़कों को ठीक करने के लिए भारी बजट की आवश्यकता रहेगी।
– अजय गुप्ता, इंजीनियर-इन-चीफ लोक निर्माण विभाग।

बयान
हिमाचल में शायद ऐसा पहले कभी नहीं हुआ होगा कि बरसात के कारण सबकुछ बाधित हुआ और जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा। लेकिन ऐसी परिस्थितियों के बावजूद एनएचएआइ दिन-रात खड़ा रहा और सड़कों को खोलता चला गया। एनएचएआइ ने पूरी जिम्मेदारी के साथ फोरलेन और सभी बाधित राष्ट्रीय राजमार्गाें को वाहनों के चलने योग्य बनाया। एनएचएआइ से अपेक्षाएं अधिक रहती हैं, केवल इतनी सी बात है।
– बासित अली, क्षेत्रीय निदेशक, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण।

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