हिमाचल प्रदेश में सार्वजनिक क्षेत्र के दूसरे सबसे बड़े उपक्रम हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) 150 करोड़ का ऋण लेगा। राज्य सहकारी बैंक से यह ऋण लिया जाएगा। कर्मचारियों की वित्तीय देनदारियों व अन्य वित्तीय मामलों के निपटारे के लिए यह ऋण लिया जाएगा। एचआरटीसी निदेशक मंडल की बैठक में इसकी मंजूरी मिल गई थी। प्रबंधन ने मामला कैबिनेट के लिए भेजा था। बीते रोज आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस पर विस्तृत चर्चा की गई। कैबिनेट ने निगम को ऋण लेने की मंजूरी दे दी है। निगम प्रबंधन सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन व अन्य वित्तीय देनदारियों का निपटारा करेगा। एचआरटीसी लगातार घाटे की मार झेल रहा है। निगम का संचित घाटा 2200 करोड़ पहुंच चुका है। खराब वित्तीय स्थिति के चलते राज्य सरकार पर निर्भरता और ज्यादा बढ़ गई है। हालत ये है कि निगम न तो कर्मचारियों को समय पर वेतन दे पा रहा है, न ही पेंशनरों को मासिक पेंशन। इस महीने कर्मचारियों को 13 तारीख को वेतन मिला है। जबकि पेंशन अभी तक जारी नहीं हुई है। वर्ष 2024 से लेकर अभी तक सेवानिवृत हुए करीब 250 कर्मचारियों व अधिकारियों को अभी तक पेंशन लगना तो दूर, ग्रेच्युटी व अर्जित अवकाश (लीव इनकैशमेंट) का पैसा भी नहीं मिला है। सालों तक निगम में सेवाएं देने के बाद कर्मचारी अब परेशान हैं व निगम कार्यालयों के चक्कर काट रहे थे।



