विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की दिशा में आगे बढ़ रही हिमाचल सरकार

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मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में राज्य सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण, गुणवत्ता में सुधार लाने और इन सेवाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए समर्पित प्रयास कर रही है। कठिन भौगोलिक परिस्थितियां होने के कारण हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच को सुगम बनाना हमेशा से चुनौतीपूर्ण रहा है। इस चुनौती से निपटने के लिए प्रदेश सरकार ने प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक-एक और जिला लाहौल-स्पिति में दो आदर्श स्वास्थ्य संस्थान स्थापित करने का निर्णय लिया है। इन 69 आदर्श स्वास्थ्य संस्थानों सेे 49 आदर्श स्वास्थ्य संस्थान बन कर तैयार हो गए हैं। प्रत्येक आदर्श स्वास्थ्य संस्थानों में 4 से 6 विशेषज्ञ चिकित्सक अपनी सेवाएं दे रहे हैं और चरणबद्ध तरीके से विश्वस्तरीय सुविधाएं सुनिश्चित करे हुए इन्हें आधुनिक स्वास्थ्य उपकरणों से युक्त किया जा रहा है।

वर्तमान में 20 आदर्श स्वास्थ्य संस्थानों डायलेसिस सेवाएं प्रदान की जा रही हैं और वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में राज्य सरकार ने शेष 49 अस्पतालों में 45 करोड़ रुपये की लागत से डायलेसिस सुविधा आरम्भ करने का निर्णय लिया है। इस वर्ष 11 आदर्श स्वास्थ्य संस्थानों में ब्लड स्टोरेज यूनिट स्थापित किए जाएंगे। जाइका के सहयोग से प्रदेश के सभी चिकित्सा महाविद्यालयों एवं आदर्श स्वास्थ्य संस्थानों में विश्वस्तरीय उपचार सुविधा प्रदान करने के लिए 1,700 करोड़ रुपये से अत्याधुनिक उपकरण खरीदने का निर्णय लिया गया है।

इसके अलावा, कैंसर मरीजों को निःशुल्क उपचार की सुविधा सहित सहित 42 प्रकार की दवाइयां मुफ्त प्रदान की जा रही हैं, जिसमें ट्रासटूजूंब टीका भी शामिल हैं जिसकी कीमत लगभग 40 हजार रुपये है। कैंसर के मरीज को एक वर्ष में ऐसे 18 टीके लगते हैं और प्रदेश सरकार यह टीका प्रदान करने के लिए एक मरीज पर लगभग 7 लाख रुपये व्यय कर रही है।

प्रदेश सरकार द्वारा आई.जी.एम.सी, शिमला में नए कैंसर अस्पताल भवन और ट्रॉमा सेंटर का लोकार्पण किया गया है। प्रदेश में ब रहे कैंसर के मामलों को गंभीरता से लेते हुए प्रदेश सरकार हमीरपुर में कैंसर का उत्कृष्ट केंद्र स्थापित कर रही है। चम्बा और हमीरपुर चिकित्सा महाविद्यालयों के लिए 200-200 करोड़ रुपये जारी किये गये हैं। वर्तमान वित्त वर्ष के लिए बजट में जिला शिमला के चमयाणा में एआईएमएसएस और जिला कांगड़ा के टांडा मेंडिकल कॉलेज में 45.50 करोड़ रुपये से रोबोटिक सर्जरी की सुविधा स्थापित करने का प्रावधान किया गया है। हमीरपुर व मंडी चिकित्सा महाविद्यालयों में हृदय रोगियों के लिए कैथ लैब स्थापित करने का बजट में प्रावधान किया गया है।

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