संत रविदास की शिक्षाएं वर्तमान में अधिक प्रासंगिक: राज्यपाल

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राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि संत शिरोमणि रविदास जी महाराज के आदर्श और विचार पूर्ण मानव समाज के हित व कल्याण के लिये थे। उन्होंने कहा कि संत रविदास की शिक्षाएं समाज को जोड़ने वाली हैं और आज अधिक प्रासंगिक है।राज्यपाल आज कांगड़ा जिले के इंदौरा उपमंडल में भदरोआ स्थित डेरा स्वामी जगत गिरी आश्रम में श्री गुरु रविदास निर्वाण दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने एमकेएम वरिष्ठ माध्यमिक पब्लिक स्कूल के छात्रावास का लोकार्पण भी किया।उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने भगवत गीता में कहा है कि धर्म की जब-जब ग्लानि होती है, तब तक किसी न किसी रूप में पृथ्वी पर अवतार लेते हैं। उन्होंने कहा कि समाज जब गलत रास्ते पर चलता है तो ऐसे अवतारी पुरुष जन्म लेते हैं जो हमारा मार्गदर्शन करते हैं।राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि संतों की सीख सब लोगों व समाज के लिए होती है। वह जो आचरण करते हैं, उस पर किसी विशिष्ट समुदाय का अधिकार नहीं होता, बल्कि संपूर्ण मानव जाति के लिए उनके विचार होते हैं।राज्यपाल ने डेरा स्वामी जगत गिरी आश्रम के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि स्कूल के माध्यम से शिक्षा का जो कार्य उनके माध्यम से किया जा रहा है वह सराहनीय है।इससे पहले, राज्यपाल ने संत रविदास मंदिर में माथा टेका।इस अवसर पर, श्री श्री 108 स्वामी गुरदीप गिरि जी ने राज्यपाल को सम्मानित किया।इंदौरा की विधायक रीता धीमान, हिमाचल प्रदेश श्री गुरु रविदास महासभा के अध्यक्ष प्रकाश भाटिया, सचिव जी.सी. भड़ालिया, डेरा स्वामी जगत गिरी आश्रम भदरोआ के सचिव के.सी. दओल, हिमाचल प्रदेश श्री गुरु रविदास महासभा की नूरपुर इकाई के अध्यक्ष हरबंस नांगला, डा. बी.आर. अम्बेडकर सोसाइटी नूरपुर के अध्यक्ष सुरिंदर सिंह, जिला के प्रशासनिक अधिकारी तथा अन्य गणमान्य लोग इस अवसर पर उपस्थित थे।

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