पिछली 13वीं विधानसभा के 19 विधायकों ने नियमों के विपरीत एक से अधिक एक अन्य सेट रखा हुआ था। विधानसभा के नियमानुसार कोई भी विधायक एक सेट रख सकता है। नियंत्रक महालेखाकार कार्यालय की ओर से पूर्व विधायकों की रिकवरी निकाली गई है। जिन पूर्व विधायकों की रिकवरी निकाली गई है, उनमें से वर्तमान सरकार में 6 कैबिनेट मंत्री हैं, इनमें मुकेश अग्निहोत्री, हर्षवर्धन चौहान, जगत सिंह नेगी, कर्नल धनीराम शांडिल, अनिरूद्ध सिंह व विक्रमादित्य सिंह शामिल हैं। आडिट पैरा में नाम आने के कारण विक्रमादित्य सिंह को लोकसभा का चुनाव लड़ने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना था और अनापत्ति प्रमाण पत्र अवैध ढंग से रखे हुए एक सेट का शुल्क चुकाना पड़ना था।
इसी तरह से कांग्रेस से बर्खास्त किए गए छह विधायकों को भी बकाया चुकाने के बाद ही अनापत्ति प्रमाण पत्र मिला था। इस साल मई माह में विधानसभा सचिवालय प्रशासन ने कमेटी की सिफारिश पर दो सेट रखने की वैधानिक व्यवस्था लागू की। जिसके तहत एक सेट के अलावा दूसरा सेट उपलब्धता के आधार पर एक से अधिक बार जीतकर आए सदस्य को दिया जाएगा। अब बकाया न चुकाना पड़े, इसके लिए 84 लाख से अधिक के शुल्क को मंत्रिमंडलीय बैठक में माफ किया जा सकता है। पिछली मंत्रिमंडल बैठक में एजेंडा आया था मगर चर्चा में नहीं लगाया गया। ऐसा माना जा रहा है कि शीघ्र होने वाली मंत्रिमंडल बैठक में बकाया धनराशि माफ होगी।
मई में दूसरा सेट रखने का प्रविधान हुआ
इस साल मई माह के दौरान एक विधायक को दूसरा सेट रखने का प्रविधान किया जा चुका है। इसमें शर्त ये है कि यदि आवासीय सेट खाली हैं और उपलब्ध हैं तो एक से अधिक बार जीतकर आए सदस्य को दूसरा सेट दिया जा सकता है।
जयराम सरकार में भी माफ हुआ था किराया
जयराम सरकार के समय में नियंत्रक महालेखाकार की ओर से बनाए गए आडिट पैरा में एक अतिरिक्त सेट रखने के लिए विधायकों को जिम्मेदार ठहराया गया था। उस समय भी 2020 में प्रदेश मंत्रिमंडल ने सदस्यों के किराए को माफ किया था। अभी तक ऐसा एक बार ही हुआ है। ये दूसरा मौका है कि चुनकर आने वाले विधायक व्यवस्था के बिना एक से अधिक सेट रखते हैं। 19 पूर्व विधायकों की रिकवरी को माफ करने से जुड़ा एक प्रस्ताव सरकार के पास पहुंचा है।\
नियंत्रक महालेखाकार ने प्रश्न उठाया
वर्ष 2023 में नियंत्रक महालेखाकार द्वारा किए गए आडिट में एक से अधिक दूसरा सेट रखने के लिए पूर्व सदस्यों पर शुल्क निर्धारित किया था। आडिट पैरा बनने के कारण ही इस साल छह विधानसभा उपचुनाव लड़ने वाले पूर्व सदस्यों को विधानसभा की आवासीय सुविधा का बकाया चुकाने की शर्त पूरी करने पर ही चुनाव लड़ने का रास्ता निकला था। बिजली और पानी के बिलों का हिसाब विधानसभा सचिवालय की ओर से रखा जाता है।
13वीं विधानसभा के 19 पूर्व सदस्यों ने रखे थे दो सेट
पिछली विधानसभा में 19 विधायक ऐसे थे, जिनके पास नियमों के विपरीत दो सेट थे। विधानसभा सचिवालय प्रशासन के नियमानुसार प्रत्येक विधायक रहने के लिए एक सेट रख सकता है। यदि कोई सदस्य एक से अधिक सेट रखता है तो उस सेट का शुल्क चुकाना पड़ेगा। 18 रुपये प्रति वर्ग फीट शुल्क तय किया गया है और सेट के उपलब्ध क्षेत्र के अनुसार शुल्क निर्धारित होता है। इन पूर्व विधायकों से जून, 2022 से लेकर जून, 2023 तक की अवधि का शुल्क मांगा जा रहा है। गत वर्ष नियंत्रक महालेखाकार की ओर से सरकार के संपदा विभाग में आडिट किया गया था। जिसमें विधायकों की ओर से अवैध ढंग से अतिरिक्त आवास रखे गए थे।