मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वीरवार को शिमला के कनलोग क्षेत्र में 76वें राज्य स्तरीय वन महोत्सव का शुभारंभ किया। उन्होंने देवदार का पौधा रोपित किया। मुख्यमंत्री ने सभी विधानसभा क्षेत्रों में राजीव गांधी वन संवर्धन योजना का शुभारंभ भी किया। उन्होंने वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम से जुड़े मंत्रीगण और विधायकों से संवाद किया और वन संरक्षण व संवर्धन के बारे में विस्तार से चर्चा की। इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वन महोत्सव धरती पर जीवन रेखा कहलाए जाने वाले वनों के महत्व को दर्शाता है। इस वर्ष लगभग नौ हजार हेक्टेयर वन भूमि पर विभिन्न योजनाओं और परियोजनाओं के तहत पौधरोपण किया जाएगा, इसमें 60 प्रतिशत फलदार पौधे शामिल होंगे। प्रदेश सरकार राज्य की समृद्ध जैव-विविधता को और संरक्षित व समृद्ध बनाने की दिशा में कार्य कर रही है।
2030 तक 30 प्रतिशत वन आवरण बढ़ाने के लक्ष्य
राजीव गांधी वन संवर्धन योजना से वन विकास के साथ जन सहभागिता बढ़ेगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी सुदृढ़ होगी। इस योजना के तहत वर्ष 2025 से 2030 तक महिला मंडल, युवक मंडल, स्वयं सहायता समूह और संयुक्त वन समितियां एक से पांच हेक्टेयर चयनित वन भूमि पर न केवल पौधे लगाएंगी, बल्कि पांच वर्ष तक उनकी देखभाल भी करेंगी। इसके लिए 100 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है। इस वर्ष 20 करोड़ रुपये की लागत से 1000 से 1500 हेक्टेयर वन भूमि पर पौधरोपण किया जा रहा है। पौधरोपण व पौधों की देखभाल के लिए एक लाख 20 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर भी प्रदान किए जा रहे हैं।