भाजपा हिमाचल प्रदेश में शिमला मैदान में विशाल धरना प्रदर्शन का आयोजन किया जिसमें भाजपा का शीश नेतृत्व उपस्थित रहा। हजार कार्यकराओ के साथ भाजपा ने विधान सभा की तरफ चार्ज किया।
यहां तक कि प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए भी सरकार में कोई तालमेल नजर नहीं आया। मुख्यमंत्री, मंत्री और कांग्रेस नेता अलग-अलग राग अलापते रहे। आपदा पीड़ितों की सही मायनों में मदद करने के बजाए कांग्रेस सरकार का फोकस इस बात पर रहा कि त्रासदी की वजह से राजनीतिक नुकसान से कैसे बचा जाए।

कोई भी सरकार देश या प्रदेश को आगे बढ़ाने के लिए बनती है, लेकिन हिमाचल में कांग्रेस की सरकार इस पर्वतीय राज्य को पीछे धकेलने का काम कर रही है। आपदा से उबरने के लिए केंद्र से भरपूर मदद मिलने के बावजूद अहसानफरामोश सत्ता पक्ष केंद्र सरकार पर हिमाचल की अनदेखी के झूठे आरोप लगा रहा है।