केंद्र सरकार से 31.85 करोड़ की धनराशि मंजूर, लेकिन इस धनराशि का आधा हिस्सा ही खर्च कर पाया शिक्षा विभाग

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कैग रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि प्रदेश सरकार ने 2023-24 के दौरान शिक्षा क्षेत्र को सुदृढ़ करने के लिए केंद्र से प्राप्त बजट काे खर्च नहीं कर पाई। ऐसा पाया गया है कि केंद्र सरकार ने विभिन्न योजनाओं के तहत प्रदेश सरकार को बजट तो जारी किया मगर हिमाचल उस बजट को खर्च नहीं कर पाया। केंद्र प्रायोजित चार योजनाओं का जिक्र किया है, जिसके लिए केंद्र सरकार से 31.85 करोड़ की धनराशि मंजूर की थी, लेकिन इस धनराशि का आधा हिस्सा ही खर्च कर पाया। हालांकि केंद्र सरकार के नियम कहते हैं कि उपयोगिता प्रमाण पत्र उपलब्ध करवाने की स्थिति में ही अगली किश्त दी जाएगी।

केंद्रीय योजनाओं का 53 प्रतिशत ही हो सकता खर्च

हिमाचल में शिक्षा विभाग द्वारा राज्य में चार केंद्र प्रायोजित योजनाएं स्वीकृत की गई थी। इनमें मध्याह्न भोजन, न्यू इंडिया साक्षरता कार्यक्रम, समग्र शिक्षा अभियान व राज्यों के लिए शिक्षण अधिगम व स्टार योजना क्रियांवित की जा रही है। इन योजनाओं का उद्देश्य गुणात्मक शिक्षा सुनिश्चित करना वा सीखने के परिणामों को सुधारना है। कैग रिपोर्ट बताती है कि योजनाओं के तहत आबंटित कुल बजट 668.15 करोड़ था, जिसमें से 53 प्रतिशत ही उपयोग किया गया।

विभाग आवंटित राशि खर्च करने में असमर्थ रहे

कैग के अनुसार विभाग आवंटित राशि को पूरा खर्च करने में असमर्थ रहे। शिक्षा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, लोक निर्माण विभाग, ग्रामीण विकास, जनजातीय विकास और अनुसूचित जाति उप योजना जैसे विभाग शामिल है। कैग के अनुसार विभागों को खर्च करने की अपनी क्षमता में सुधार करने की आवश्यकता है, क्योंकि ये सभी सामाजिक क्षेत्र के विभाग है। यहां तक कि धन आवंटित करते समय पिछले वर्षों की प्रवृत्तियों को भी ध्यान में नहीं रखा जा रहा है।

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