जगत सिंह नेगी 10 सदस्यों के साथ नौतोड़ की मांग लेकर राज्यपाल शुक्ल के पास पहुंचे

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जनजातीय लोगों के लिए नौतोड़ भूमि की मांग राजस्व, बागवानी, जनजातीय विकास एवं जन शिकायत निवारण मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में आज यहां जनजातीय सलाहकार परिषद के सदस्यों ने राजभवन में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल से भेंट की। इस मौके पर जगत सिंह नेगी ने राज्यपाल से जनजातीय क्षेत्रों में लोगों को नौतोड़ वन भूमि की स्वीकृति प्रदान करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि स्वीकृति का मामला दो वर्षों से लंबित है। राजस्व मंत्री इससे पूर्व भी राज्यपाल से इस संबंध में भेंट कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने सत्ता संभालते ही साल 2023 में नौतोड़ भूमि आवंटन को लेकर राज्यपाल से आग्रह किया था। उनका कहना है कि नौतोड़ वन भूमि की स्वीकृति संविधान के अनुच्छेद 5 के अंतर्गत राज्यपाल के पास है। उन्होंने कहा कि वन संरक्षण अधिनियम 1980 को निरस्त किया जाए ताकि प्रदेश के जनजातीय क्षेत्र और सीमावर्ती क्षेत्र की युवा पीढ़ी को नौतोड़ भूमि का लाभ मिल सके।

उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में लोगों के पास भूमि बहुत कम है, जिसके कारण बेरोजगारी बहुत है और लोग पलायन करने के लिए मजबूर हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में लोगों की आर्थिकी सुदृढ़ करने और पलायन रोकने के लिए पात्र लोगों को नौतोड़ भूमि आबंटन बेहद आवश्यक है। उन्होंने कहा कि नौतोड़ वन भूमि के तहत पात्र परिवारों को 20 बीघा तक भूमि दी जा सकती है। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा है कि नौतोड़ भूमि की छंटनी राजस्व विभाग के अधिकारी करेंगे। राज्यपाल को एफसीए को जनजातीय क्षेत्र में निलंबित करना है।

निलंबन के बाद सक्षम अधिकारी के पास आवेदन जाएंगे और अधिकारी ही यह तय करेगा कि किसे जमीन देनी है और किसे नहीं। यह राज्यपाल के अधिकार क्षेत्र में नहीं है कि वे किसी को जमीन दें। उन्होंने कहा कि अकेले किन्नौर जिला में नौतोड़ के 12 हजार 742 केस प्रोसेस हैं, जबकि लाहुल-स्पीति व चंबा जिला के भरमौर व पांगी में ये प्रक्रिया करना बाकी है। वर्तमान सरकार में दिए गए प्रस्तावों को छोड़ दिया जाए तो जगत सिंह नेगी ने विधानसभा उपाध्यक्ष रहते हुए 27 जुलाई, 2014 को भी यही मामला उठाया था। वर्ष 2014 से लेकर 2018 तक 500 से अधिक लोगों को नौतोड़ जमीन दी जा चुकी है।

मौजूद सदस्यों में ये भी थे

इस अवसर जनजातीय सलाहकार परिषद की सदस्य लाहुल-स्पीति की विधायक अनुराधा राणा, एडवोकेट अमर चंद, सूर्या प्रकाश बोरस, वीर सिंह नेगी, सुखदेव, केसर नंद नेगी, जय किशन नेगी, ललिता देवी, आशा नेगी, स्पीति से केसंग रपचिक और वीर भगत उपस्थित रहे।

दूसरी बार नौतोड़ भूमि दी जा सकती है क्या

जनजातीय मंत्री जगत सिंह नेगी 17 अप्रैल को छठी बार राज्यपाल को जनजातीय क्षेत्रों के लोगों को नौतोड़ दिए जाने का प्रस्ताव देकर आए थे। उसके बाद राजभवन सचिवालय ने वन विभाग के अधिकारियों को बुलाकर जानकारी चाही थी कि वन भूमि किसी परिवार के सदस्यों को दूसरी बार दी जा सकती है। वन अधिकारियों ने इससे इंकार किया था।

वन संरक्षण अधिनियम हटाने का अधिकार राज्यपाल के पास

कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद 2023 में राजस्व मंत्री एवं किन्नौर विधानसभा क्षेत्र के विधायक जगत सिंह नेगी ने राज्यपाल से वन संरक्षण अधिनियम-1980 को जनजातीय क्षेत्रों से हटाने का आग्रह किया था। ऐसा प्रस्ताव आने के बावजूद राज्यपाल ने किन्नौर के रिकांगपियो में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान जनसभा में लोगों से इस संबंध में पूछा भी था। वन संरक्षण अधिनियम में छूट देने का प्रदान करने की शक्तियां राज्यपाल के पास निहित हैं। नियमों के तहत जनजातीय क्षेत्रों में 20 बीघा से कम भूमि वाले किसान या अन्य परिवार नौतोड़ जमीन लेने के पात्र हैं। वर्ष 1968 में यह नियम बनाया गया था। बाद में वर्ष 1980 में वन संरक्षण अधिनियम लागू हुआ तो इसमें बदलाव हुए और गैर-जनजातीय क्षेत्र के लिए प्रविधान बंद हो गया। यह प्रविधान जनजातीय क्षेत्र के लिए ही लागू है।

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