हिमाचल प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र बुधवार को धर्मशाला के तपोवन में शुरू हुआ। बुधवार को विपक्ष ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव (काम रोको प्रस्ताव) के माध्यम से घेरा। चर्चा के दौरान सदन में कई मौकों पर सत्ता पक्ष और विपक्षी सदस्यों के बीच नोकझोंक हुई। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया को कई बार हस्तक्षेप करना पड़ा। सदन की कार्यवाही को दो बार 10-10 मिनट के लिए स्थगित करना पड़ा। हालांकि पहली बार राष्ट्रीय ई-विधान प्रणाली (नेवा एप्लीकेशन) की शुरुआत करने के कारण स्थगित की।
दूसरी बार कार्यवाही विपक्ष के स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआती समय में हुई। भाजपा के रणधीर शर्मा ने सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नियम-67 के तहत भ्रष्टाचार के मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव का मुद्दा उठाते हुए चर्चा की मांग की। सरकार ने इसे स्वीकार कर लिया और सदन में निर्धारित तमाम कार्यों को लंबित करते हुए प्रस्ताव पर चर्चा शुरू करवाई। विपक्षी दल भाजपा ने राज्यपाल को कांग्रेस सरकार के दो वर्ष पूरे होने के मौके पर भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सौंपे गए आरोप पत्र में उठाए गए मुद्दों पर सरकार को घेरने का प्रयास किया। इस दौरान सरकार की ओर से मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों व विधायकों ने सरकार का बचाव भी किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष जो भी आरोप लगा रहा है वह महज परिकल्पना है। भ्रष्टाचार गंभीर विषय है, विपक्ष जो भी आरोप लगा रहा है उसके तथ्य व कागज भी सदन में रखे। यदि इनमें सच्चाई होगी तो सरकार इसकी जांच भी करवाएगी।
भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने चर्चा शुरू करते हुए प्रदेश सरकार पर भाजपा फोबिया से ग्रस्त होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने दो साल के मौके पर बिलासपुर में आयोजित जश्न में अपनी उपलब्धियां कम गिनाई और भाजपा को अधिक कोसा। उन्होंने कहा कि भाजपा ने सरकार के दो साल में हुए भ्रष्टाचार के कारनामों को लेकर राज्यपाल को आरोप पत्र सौंपा है, लेकिन सरकार की ओर से अभी तक एक भी आरोप का जवाब नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार आबकारी नीति पर अपनी पीठ थपथपा रही है जबकि इस नीति की का सहारा लेकर शराब घोटाला किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने नई आबकारी नीति के नाम पर छह जिलों में छोटी यूनिटों को हटाकर एक-एक बड़ी यूनिट बना दी ताकि अपने चहेते ठेकेदारों को फायदा दिया जा सके। किन्नौर जिला में शोंगटोंग परियोजना के निर्माण में लगी पटेल कंपनी को 162 करोड़ रुपए का अवांछित लाभ देने और 150 करोड़ रुपए का काम 288 करोड़ रुपए में आवंटित करने का भी आरोप भी लगाया।
उन्होंने नादौन में 2.60 लाख रुपए की जमीन को 6.72 करोड़ रुपए में एचआरटीसी के लिए खरीदने का आरोप भी लगाया। उन्होंने प्रदेश सरकार पर हिमाचल को बेचने का आरोप लगाया और कहा कि सरकार ने जानबूझकर एचपीटीडीसी के 18 होटलों को बंद करने की साजिश रची। उन्होंने कहा कि सरकार कोर्ट का सहारा लेकर इन होटलों को बेचना चाहती है। उन्होंने प्रदेश में आई आपदा के नाम पर भी भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। उन्होंने गुमनाम पत्र का जिक्र करते हुए कहा कि पीएमओ तक यह पत्र पहुंचा। जिसमें गंभीर आरोप लगाए गए थे। उन्होंने कहा कि सीआईडी इसकी जांच करने के बजाए समोसे की जांच करने में लगी है। उन्होंने 26 जुलाई को हरियाणा के पानीपत में पकड़ी अवैध शराब जो सिरमौर जिला के पावंटा साहिब की फैक्ट्री में बनी थी उसका मामला उठाते हुए कहा कि इसे बिहार ले जाया जा रहा था, इसकी भी जांच नहीं हुई।