भारत के सामरिक, आर्थिक और सामाजिक हितों के विरुद्ध कोई रिपोर्ट जारी करना कांग्रेस का षड्यंत्र : नंदा

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भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा ने कांग्रेस द्वारा आयोजित प्रदर्शन केवल मात्र जनता का ध्यान भटकने का असफल प्रयास है। उन्होंने कांग्रेस पार्टी के धरने का जवाब देते हुए कहा कि गांधी परिवार कुर्सी के लिए देश भी बेच सकता है, एक फ्रेंच समाचार पत्र की रिपोर्ट के हवाले से देश की छवि खराब करने के लिए जार्ज सोरोस, ओसीसीआरपी (आर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट) और राहुल गांधी के बीच के त्रिकोणीय संबंध भी है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के ओर से यह देखने को मिल रहा है कि जब कभी संसद का सत्र शुरू होता है, तो भारत के सामरिक, आर्थिक और सामाजिक हितों के विरुद्ध कोई रिपोर्ट जारी कर दी जाती है। इनमें से अधिकांश रिपोर्ट ओसीसीआरपी की होती हैं, जिसका संबंध जार्ज सोरोस से है। उन्होंने कहा कि एक फ्रेंच समाचार पत्र ने ओसीसीआरपी की रिपोर्ट को संदिग्ध बताया है और कहा कि इसे ओपन सोसायटी नाम की एक संस्था सबसे अधिक फंडिंग करती है और यह उसके इशारे पर ही अपनी रिपोर्ट तैयार करती है। यह संस्था जार्ज सोरोस की है।

इस संस्था की रिपोर्ट के हवाले से कांग्रेस व राहुल गांधी संसद में हंगामा करते हैं और कामकाज ठप करते हैं। हिंडनबर्ग की भ्रामक रिपोर्ट का जिक्र करते हुए नंदा ने कहा कि 22 जुलाई से नौ अगस्त के बीच संसद का मानसून सत्र हुआ और 10 अगस्त को हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आई। वहीं 25 नवंबर से वर्तमान सत्र शुरू हुआ और 20 नवंबर को एक अमेरिकी कोर्ट में अटार्नी की रिपोर्ट जारी हुई। क्या यह एक महज संयोग है? भाजपा मीडिया प्रभारी ने कहा कि 20 जुलाई, 2023 को संसद सत्र की शुरुआत होने वाली थी और 19 जुलाई को मणिपुर का वीडियो सामने आया था। क्या यह सब महज एक संयोग था। नंदा ने एक के बाद कई रिपोर्टों का जिक्र करते हुए इसे भारत को अस्थिर करने की साजिश बताया।

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