उच्च न्यायालय में उनके सम्मान में फूल कोर्ट एड्रेस का आयोजन किया गया । इस अवसर पर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि मलीमथ, न्यायाधीश सबीना, न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान, न्यायाधीश सुरेश्वर ठाकुर, न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर, न्यायाधीश अजय मोहन गोयल, न्यायाधीश संदीप शर्मा, न्यायाधीश ज्योत्सना रेवाल दुआ और न्यायाधीश सत्येन वैद्य उपस्थित थे। रजिस्ट्रार जनरल वीरेंद्र सिंह ने कार्यवाही का संचालन किया। इस अवसर पर बोलते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि मलीमथ ने कहा कि न्यायाधीश अनूप चिटकारा वकीलों के पारंपरिक परिवार से हैं। उन्होंने कहा कि अपने व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद न केवल एक वकील के रूप में बल्कि एक न्यायाधीश के रूप में भी उन्होंने कई व्याख्यान दिए हैं और कानून के विकास में बहुत योगदान दिया है। उन्होंने न्यायाधीश चिटकारा के स्नेही स्वभाव और लोगों के लिए उनकी वास्तविक चिंता की सराहना की। उन्होंने कहा कि न्यायाधीश चिटकारा के सौहार्दपूर्ण व्यवहार और विनम्रता ने उन्हें बार और बेंच के सदस्यों का प्रिय बना दिया।
इस अवसर पर न्यायाधीश अनूप चिटकारा ने न्यायाधीश सबीना का स्वागत किया जिन्होंने हाईकोर्ट के न्यायाधीश के तौर पर शुक्रवार को ही कार्यभार संभाला है। इस अवसर पर बोलते हुए उन्होंने प्रदेश हाई कोर्ट के अन्य न्यायाधीशों, बार के सदस्यों, न्यायिक अधिकारियों, अधिकारियों और रजिस्ट्री के अधिकारियों को उनके स्नेह और सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि तीसरी पीढ़ी के वकील होने के नाते, उनकी पेशेवर सफलता और उनकी कुर्सी जन्म की दुर्घटना का उतना ही परिणाम है जितना कि उनकी मेहनत का। उन्होंने अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने वाले सभी लोगों के समर्पण और कर्तव्य की त्रुटिहीन भावना की सराहना की। उन्होंने कार्यालय जाने के रास्ते में पुराने बस स्टैंड के पास ठंडे दिनों में फुटपाथ पर सो रहे लोगों की दयनीय स्थिति पर भी चिंता व्यक्त की और कहा कि हमारे समाज में व्याप्त असंख्य असमानताएं न्यायपालिका को व्यक्तिगत अधिकारों का सर्वोच्च संरक्षक होने से रोकती हैं। उन्होंने युवा वकीलों के उत्साह और सीखने की उत्सुकता की भी सराहना की। अशोक शर्मा महाधिवक्ता, आई.एन. मेहता वरिष्ठ सदस्य बार काउंसिल ऑफ हिमाचल प्रदेश, लवनीश कंवर अध्यक्ष उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन व भारत के सहायक सॉलिसिटर जनरल बलराम शर्मा ने भी अपने सम्बोधन में न्यायाधीश अनूप चिटकारा के न्यायिक क्षेत्र में दिए अहम योगदान की सराहना की।
न्यायाधीश अनूप चिटकारा को फुल कोर्ट रेफरेंस के बाद गार्ड ऑफ ऑनर, रेड कार्पेट और गर्मजोशी से विदाई दी गई। अनूप चिटकारा का जन्म 29 अप्रैल 1966 को शिमला में हुआ। इनके पिता स्वर्गीय श्री मदन गोपाल चिटकारा हिमाचल प्रदेश सरकार के महाधिवक्ता रहे और प्रशासनिक ट्रिब्यूनल के वाइस चेयरमेन भी रहे। न्यायाधीश चिटकारा ने मैट्रिक DAV लकड़ बाजार शिमला और स्नातक की उपाधि कोटशेरा कॉलेज से हासिल की। वर्ष 1990 में इन्होने विधि की डिग्री हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से प्राप्त की और हाई कोर्ट में वकालत शुरू की। ये USA एम्बेसी के लिए हाई कोर्ट से रेफरेंस वकील भी रहे और इन्होने वर्मा कमेटी को वर्ष 2012 में महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए क्रिमिनल कानून बनाए जाने के लिए बहुमूल्य सिफारिशे दी। मार्च 2019 में हाईकोर्ट द्वारा इन्हें वरिष्ठ न्यायाधीश बनाया गया। 30 मई 2019 को उन्हें हिमाचल प्रदेश के स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पी.एस.राणा, हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश ए.के.गोयल, न्यायाधीश के.सी.सूद, न्यायाधीश वी.के.शर्मा, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार, हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के सदस्य एवं रजिस्ट्री के अधिकारी एवं अन्य अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।