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मिडल बाजार धमाके की सच्चाई को होगी जांच बाहरी राज्य की फारेंसिक लैब से

माल रोड़ शिमला के पुलिस नियंत्रण कक्ष से मात्र सौ मीटर की दूरी पर मिडल बाजार बम धमाके को लेकर धमाके की सच्चाई तक पहुंचने के लिए हिमाचल प्रदेश सीआइडी बाहरी राज्यों की फारेंसिक लैब से जांच करवाएगी। इसका मुख्य कारण यह है कि एनएसजी की रिपोर्ट में रासायनिक तत्व पाए गए हैं जबकि जुन्गा फारेंसिक लैब जिसके आधार पर शिमला पुलिस ने जांच रिपोर्ट दी उसमें गैस रिवास से धमाका बताया गया है। ऐसे में वास्तविक तथ्यों तक पहुंचने और ये जानने कि आखिर एनएसजी की रिपोर्ट मे जो आया है तो उस तरह का धमाका हुआ कैसे। इतने बड़े धमाके के क्या कारण है सीआइडी इस जांच में लगी है।

मिडल बाजार में हुए धमाके को लेकर कई सवाल उठाए जा रहे थे। यही नहीं प्रदेश पुलिस मुख्यालय की तरफ से एनएसजी को जांच करने का लिए कहा गया था। एनएसजी की रिपोर्ट और पुलिस की रिपोर्ट में अंतर होने के कारण ही ये जांच सीआइडी को सौंपी गई है। मिडिल बाजार स्थित हिमाचल रसाेई (रेस्टोरेंट) में हुए संदिग्ध ब्लास्ट की जांच की जा रही है। इस धमाके में 2 व्यक्तियों की मौत हो गई थी जबकि 12 लोग घायल हुए थे। धमाका इतना जोर से हुआ था कि कई किलोमीटर तक उसकी गूंज सुनाई दी और आसपास की दुकानों व घरों के शीशे तक टूट गए थे।

18 जुलाई 2023 को हुआ था धमाका

राजधानी शिमला के मिडल बाजार में ये धमाका 18 जुलाई 2023 को शाम करीब 7 बजे हुआ था। इस दौरान बाहर से गुजर रहे कारोबारी अवनीश सूद की मौत हो गई थी। एनएसजी की बीस सदस्यीय टीम ने मौके से साक्ष्य इकट्ठे किए थे। इस दौरान केंद्रीय टीम घटनास्थल से ईंट, पत्थर, दीवार से गिरा रेत सीमेंट, लकड़ी के टुकड़े और शीशे के टुकडों को जांच को लेकर गई थी। इस संबंध में प्रदेश पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू की तरफ से पत्र लिखा गया था जिसमें जांच करने को कहा गया।

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