आज के सूचना युग में भी देवर्षि नारद जी के संवाद-साधना की प्रासंगिकता: प्रो. वीर सिंह रांगड़ा

0

विश्वविद्यालय में आचार्य भौतिक शास्त्र विभाग के प्रो. वीर सिंह रांगड़ा देवर्षि नारद जयंती के उपलक्ष्य पर कहा कि नारद मुनि केवल एक पौराणिक पात्र नहीं हैं, बल्कि वे संचार, संवाद और ज्ञान के प्रतीक रहे हैं। आज के आधुनिक युग में, जहां सूचना क्रांति और संचार माध्यमों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण हो गई है, वहां नारद मुनि की प्रासंगिकता और भी अधिक बढ़ गई है। वे संवाद की शक्ति को समझते थे और उसका उपयोग जनहित के लिए करते थे। शिमला के रोटरी टाउन हाल में आयोजित नारद जयंती कार्यक्रम के मुख्य वक्ता सह आचार्य पत्रकारिता एवं जनसंचार (सेवानिवृत्त) अजय श्रीवास्तव ने कहा कि विश्व संवाद केंद्र शिमला जो कार्य कर रहा है संभवतः पत्रकारों से जुड़ी कोई अन्य संस्था आज तक नहीं कर पाई है। इसका मुख्य मकसद पत्रकारिता में राष्ट्रीयता को सर्वाेपरि रखना है।

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि दूरदर्शन केंद्र शिमला में क्षेत्रीय समाचार प्रमुख नंदिनी मित्तल ने कहा कि आज के दौर में सत्य को सरलता और स्पष्टता से प्रस्तुत करना आवश्यक है। उन्होंने हाल ही में भारत-पाक आपरेशन सिंदूर के संदर्भ में मीडिया की भ्रामक कवरेज पर चिंता व्यक्त की और मीडिया की जिम्मेदार भूमिका पर बल दिया।

इस कार्यक्रम की अध्यक्षता राजेश बंसल अध्यक्ष विश्व संवाद केंद्र शिमला द्वारा की गई। उन्होंने मुख्यअतिथि, मुख्य वक्ता एवं विशिष्ट अतिथि का स्वागत किया एवं विश्व संवाद केंद्र के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नारद जयंती जैसे आयोजनों की आज के समय में आवश्यकता है, इस तरह के कार्यक्रम निरंतरता से किए जाने चाहिए। अंत में न्यास के कार्यकारी सदस्य अनिल भारद्वाज ने सभी अतिथियों का धन्यवाद किया।

इस अवसर पर सूचना एवं जन संपर्क विभाग की पूर्व निदेशक आरती गुप्ता, प्रांत प्रचार प्रमुख प्रताप समयाल, प्रांत सह प्रचार प्रमुख मोतीलाल, महीधर प्रसाद सहित न्यास के विभिन्न पदाधिकारियों, बुद्धिजीवियों, पत्रकारों, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय पत्रकारिता के छात्रों और समाजसेवियों ने भाग लिया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here