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तहसीलदार चुनावी डयूटी पर, चुनाव के कारण राज्य में 2 हजार रजिस्ट्रियाें का कार्य लटका

प्रदेश में तहसीलदारों से हर खास-ओ-आम का वास्ता पड़ता है। हालत ये है कि इन दिनों किसी भी तहसील कार्यालय में तहसीलदार चुनाव डयूटी में व्यस्त बताया जाता है। लोग तहसील का चक्कर काटकर घर लौटते हैं। हालत ये है कि लोकसभा चुनाव घोषित होते के बाद तहसीलदारों से सामान्य कामकाज करवाना मुश्किल हो गया है।

चुनाव से पहले किसी भी कार्यालय में जाने पर पता चलता था कि साहब फील्ड में गए हैं और आने का कोई पता नहीं है। प्रदेश में दो माह से अधिक का समय गुजर चुका है और जमीन संबंधी पंजीकरण प्रक्रिया ठप हो चुकी है, लोगों को चुनाव होने तक तहसीलदारों का इंतजार करना पड़ेगा। लोकसभा चुनाव के लिए हिमाचल प्रदेश में अंतिम चरण में पहली जून को मतदान होगा। प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण सरकारी कर्मचारियों को काम न करने का बहाना मिल गया है। सभी जिलों के तहसील कार्यालयों में इन दिनों सामान्य कामकाज भी नहीं हो रहा है।

तहसीलदारों का कहना है कि वे चुनाव ड्यूटी में व्यस्त हैं, इसलिए चुनाव प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही कार्यालय में आएं। जमीनों की रजिस्ट्रियां, इंतकाल व बंदोबस्त के मामले अटक रहे हैं। सरकार के पक्ष के साथ रपट। प्रदेश में इस समय 141 तहसीलें व 73 उप-तहसीलें हैं। प्रतिदिन दो हजार रजिस्ट्रियां होता है और इंतकाल के मामलों की संख्या एक हजार से अधिक होते हैं।

 

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