विधायकों के विद्रोह के बाद सुक्खू सरकार के कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने मंत्री पद छोड़ा

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हिमाचल प्रदेश में सुखविंदर सुक्खू सरकार बुधवार को संकट में पड़ गई। जिसके एक दिन पहले कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी राज्य से राज्यसभा की एकमात्र सीट के लिए चुनाव हार गए, जिसके परिणामस्वरूप भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन की जीत हुई। यहां नौ विधायकों पर एक नजर है, छह कांग्रेस के और 3 निर्दलीय। इन नौ विधायकों ने मंगलवार को सिंघवी के खिलाफ मतदान किया था। लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बुधवार को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।

विक्रमादित्य सिंह, 34 शिमला ग्रामीण सीट से विधायक

19 जुलाई, 2021 को विक्रमादित्य सिंह को उनके पिता और छह बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे राजा वीरभद्र सिंह की मृत्यु के बाद बुशहर की पूर्ववर्ती रियासत के राजा का ताज पहनाया गया था। विक्रमादित्य सिंह की सक्रिय राजनीतिक यात्रा वर्ष 2013 में राज्य युवा कांग्रेस अध्यक्ष चुने जाने के बाद शुरू हुई। राज्य युवा कांग्रेस का दायित्सव वर्ष 2017 तक अपने पास रखा और शिमला ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र से अपना पहला विधानसभा चुनाव जीता था। उसके बाद दूसरा विधानसभा चुनाव वर्ष 2022 में जीता। 8 जनवरी, 2023 को विक्रमादित्य सिंह सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार में लोक निर्माण विभाग के मंत्री बने, लेकिन बुधवार को उन्होंने इस्तीफा दे दिया। उसे “अपमानित करने और कमजोर करने” के प्रयासों का हवाला देते हुए। विक्रमादित्य की मां प्रतिभा सिंह हिमाचल कांग्रेस की अध्यक्ष हैं। प्रतिभा सिंह के गुट का मुख्यमंत्री सुक्खू के गुट के साथ मतभेद माना जाता है और विक्रमादित्य के इस्तीफे से प्रतिद्वंद्विता ही बढ़ेगी।

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