प्रदेश में भूमि जमाबंदी की ई-केवाईसी प्रक्रिया के तहत मंडी जिला में इस समय सबसे अधिक जमीन संबंधित खातों की ई-केवाईसी की जा चुकी है। जबकि सबसे कम सोलन जिला में हुई है। यहां पर ई-केवाईसी करने का काम धीमी गति से चला हुआ है। राज्य में अभी तक कुल 52 फीसदी जमाबंदी खातों की ई-केवाईसी की जा चुकी है। प्रदेश में राजस्व संबंधी कार्यों में सुधार लाने के लिए जमाबंदी की ई-केवाईसी यानि जमाबंदी की अनुमति आधारित आधार सीडिंग भी की जा रही है। इससे किसानों की जमीनों का संपूर्ण रिकार्ड आधार नंबर के साथ लिंक हो जाएगा।
जानकारी के अनुसार मंडी जिला 67 फीसदी के साथ पहले नंबर पर चंबा 65 फीसदी के साथ दूसरे और किन्नौर 62 फीसदी के साथ तीसरे स्थान पर चला हुआ है। अन्य जिलों में बिलासपुर जिला में 59 प्रतिशत, हमीरपुर में 61 प्रतिशत, कांगड़ा में 34 प्रतिशत, कुल्लू में 60 प्रतिशत, लाहुल-स्पीति में 55 प्रतिशत, शिमला में 54 प्रतिशत, सिरमौर में 56 प्रतिशत, सोलन में 31 प्रतिशत जबकि ऊना जिला में 58 प्रतिशत और प्रदेशभर में कुल 52 प्रतिशत जमाबंदी खातों की ई-केवाईसी की जा चुकी है।
भूमि मालिक अपनी जमाबंदी संबंधित ई-केवाईसी पटवार घरों में करवा सकते हैं। राज्य सरकार ने परिवर्तनात्मक पहल के अंतर्गत जमीनों की जमाबंदी की ई-केवाईसी करने और जमीन संबंधित रिकार्ड को डिजिटल करने के उद्देश्य से डिजिटल टेक्नोलाजी एंड गवर्नेंस विभाग के माध्यम से ई-केवाईसी मोबाइल एप तैयार की है। जिसमें आधार नंबर की मदद से जमीन मालिक के चेहरे की भी पहचान होगी। जमीन का पूरा रिकार्ड आधार नंबर के साथ लिंक किया जाएगा। जमीन की ई-केवाईसी होने से किसानों का भूमि संबंधित रिकार्ड आनलाइन हो जाएगा। जिससे जमीनों का पंजीकरण और विभिन्न प्रकार के प्रमाण पत्र जारी करने में भी आसानी होगी।