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संस्कृत को लोकभाषा बनाने की आवश्यकताः राज्यपाल

राज्यपाल विश्वनाथ आर्लेकर ने आज कांगड़ा जिला के ज्वालामुखी में  हिमाचल प्रदेश संस्कृत भारती के दो दिवसीय प्रांत सम्मेलन की अध्यक्षता  करते हुए कहा कि हमें संस्कृत पर विश्वास है लेकिन संस्कृत भाषा के प्रसार  के लिए ईमानदार प्रयास करने की आवश्यकता है जिसके लिए संस्कृत भारती  प्रयासरत है।


 राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल में  संस्कृत को दूसरी आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया गया है। संस्कृत भाषा के  प्रसार में और अधिक बेहतर प्रयास किए जा सकते हैं। संस्कृत भाषा के  क्रियान्वयन और रोजमर्रा के कार्यों में भाषा के अभ्यास के लिए देवभूमि  हिमाचल प्रदेश को और अधिक दृढ़ इच्छाशक्ति से कार्य करने की आवश्यकता है।  उन्होंने कहा कि राजभवन इस दिशा में कार्य करने की पहल करेगा और राजभवन में  एक विशेष प्रकोष्ठ स्थापित किया जाएगा जो संस्कृत भाषा के प्रसार और  अभ्यास के लिए सुझाव देगा। संस्कृत भाषा में कार्य करने पर विशेष बल दिया  जाएगा जिससे भाषा को बढ़ावा मिलेगा। इस अवसर पर राज्यपाल ने अपनी ऐच्छिक  निधि से संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए संस्कृत भारती को पांच लाख  रुपये देने की घोषणा की।


राज्यपाल ने कहा कि  संस्कृत एक दिव्य भाषा है जिसे अब लोकभाषा में बदलने की आवश्यकता है। अगर  हम यह करने में सफल होते हैं तो यह एक सुनहरा अवसर होगा।


 उन्होंने  कहा कि इस तरह के कार्यक्रम संस्कृत में हमारी आस्था को बढ़ावा देने में  सहायक सिद्ध हो रहे हैं। उन्होंने इस सम्मेलन को आयोजित करने के लिए  संस्कृत भारती के सभी कार्यकर्ताओं के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा  कि इस सम्मेलन के माध्यम से संस्कृत भाषा के क्रियान्वयन में आने वाली सभी  चुनौतियों पर विचार-विमर्श किया गया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि दो दिवसीय  इस सम्मेलन में निकले बहुमूल्य विचारोें का मूल्यांकन किया जाएगा।


संस्कृृत  भारती के अखिल भारतीय सहसंगठन मंत्री जय प्रकाश गौतम ने कहा कि संस्कृत  शिक्षकों (शास्त्री) को टी.जी.टी दर्जा दिया जाना चाहिए। इसके अलावा  संस्कृत महाविद्यालयों का सुदृढ़ीकरण किया जाना चाहिए।


संस्कृत  भारती, हिमाचल प्रदेश के प्रांत अध्यक्ष प्रो. लक्ष्मी निवास पांडे ने इस  अवसर पर संगठन की गतिविधियों तथा संगोष्ठी के विभिन्न सत्रों के बारे में  जानकारी दी।


समन्वयक अरुण शर्मा ने ध्यायमंत्र को पढ़ा। इस अवसर पर संस्कृत भारती के छात्रों ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया।


संस्कृत भारती के प्रांत मंत्री संजीव पाठक ने राज्यपाल का स्वागत किया।


इससे पहले राज्यपाल ने माता ज्वालामुखी मंदिर में शीश नवाया।


इसके  उपरांत, राज्यपाल ने जिला मुख्यालय धर्मशाला के समीप सरहान में राज्य  रेडक्रॉस सोसायटी के माध्यम से स्वच्छता कार्यकर्ताओं और स्कूली बच्चों को  स्वच्छता किट भी वितरित की।


उपायुक्त कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल, पुलिस अधीक्षक डॉ. खुशाल शर्मा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।

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