हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने तीनों निर्दलीय विधायकों के त्याग पत्र स्वीकार कर लिए हैं। त्याग पत्र स्वीकार होने के बाद तीनों निर्दलीय विधायक कृष्ण लाल ठाकुर, होशियार सिंह और आशीष शर्मा 14वीं विधानसभा के सदस्य नहीं रहे। निर्दलीय जीते इन विधायकों ने 22 मार्च को विधानसभा की सदस्यता से त्याग पत्र दिया था और उसके बाद 23 मार्च को भाजपा में शामिल हुए थे। कृष्ण लाल ठाकुर नालागढ़, होशियार सिंह देहरा और आशीष शर्मा हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे।
अब विधानसभा की तीन सीटों के लिए पड़ाेसी राज्य हरियाणा में इस वर्ष अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के साथ उपचुनाव होंगे। नियमानुसार उपचुनाव छह माह के भीतर करवाए जाने हैं। आज विधानसभा सचिवालय की ओर से तीनों निर्दलीय विधायकों को मामले की सुनवाई के लिए बुलाया गया था। इसके साथ-साथ शिकायतकर्ता राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी को भी आना था। विधानसभा सचिव यशपाल शर्मा ने कहा कि तीनों निर्दलीय विधायक उपस्थित नहीं हुए, जबकि राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की ओर से वकील उपस्थित हुआ। उन्होंने कहा कि विधानसभा सचिवालय की ओर से तीनों निर्दलीय विधायकों का त्याग पत्र स्वीकार किए जाने के संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है।
केएल ठाकुर ने त्याग पत्र स्वीकार होने पर खुशी जताई
तीनों निर्दलीय विधायकों ने त्याग पत्र स्वीकार होने पर खुशी जताई और कहा कि ‘यह देर आए, दुरुस्त आए’ जैसा है। उन्होंने कहा कि वह चाहते थे कि सभी निर्दलीय विधायकों के त्याग पत्र पहले ही स्वीकार हो जाते, ताकि लोकसभा चुनाव के साथ ही यह उपचुनाव भी होते। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष के निर्णय को सराहा। उनका कहना था कि अब उन्हें यदि विधानसभा उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी की ओर से टिकट मिलता है, तो वह उपचुनाव लड़ेंगे।
तीनों निर्दलीय विधयकों ने राज्यसभा में हर्ष महाजन को वोट दिया था
27 फरवरी को हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा की सीट के लिए चुनाव हुआ था। इस राज्यसभा चुनाव में अल्पमत के बावजूद भारतीय जनता पार्टी के हर्ष महाजन जीते थे। कांग्रेस के छह विधायकों ने पार्टी की ओर से अधिकृत प्रत्याशी डा. अभिषेक मनु सिंघवी के स्थान पर हर्ष महाजन को वोट दिया था, तीनों निर्दलीय कांग्रेस के सहयोगी थे। छह कांग्रेस विधायकों के साथ तीन निर्दलीय विधायकों ने भी हर्ष महाजन को ही वोट दिया था। इसके बाद से ही छह कांग्रेस विधायक और तीन निर्दलीय विधायक हिमाचल प्रदेश से बाहर चल गए थे। लेकिन तीनों निर्दलीय विधायक ने इससे अलग 22 मार्च को त्याग पत्र दिया था।
भाजपा उपचुनाव में टिकट दे!
अब संभव है कि तीनों निर्दलीय रहे विधायकों को भारतीय जनता पार्टी के चुनाव में अपना प्रत्याशी बनाएगी। इससे पहले कांग्रेस छोड़ भाजपा में आए सभी छह पूर्व विधायकों को भी भारतीय जनता पार्टी ने उपचुनाव में अपना प्रत्याशी बनाया था। ऐसा इसलिए है कि कांग्रेस से बगावत करने वाले छह कांग्रेस विधायकों को भी भाजपा ने उपचुनाव में टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा था।