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पंजाब-हरियाणा 4200 करोड़ बकाया चुकाने में आनाकानी करने के बजाए हिमाचल का हक चुकाएं: सुक्खू

हिमाचल के पानी पर पड़ोसी राज्य पंजाब व हरियाणा-आमने सामने खड़े हुए हैं। दोनों राज्यों के बीच में चल रहे विवाद के बीच में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि दोनों पड़ोसियों के साथ हमारे प्रगाढ़ रिश्ते र्हैं। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा था कि पिछले पांच दशक से अधिक समय से बीबीएमबी में हमारे राज्य की हिस्सेदारी का मामला अटका हुआ है। दोनों राज्यों को अपना-अपना बकाया चुकाना है। हिमाचल को नीति के हिसाब से हक प्राप्त होना चाहिए। उल्लखेनीय है कि हिमाचल सरकार को भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) में हिस्सेदारी के 4250 करोड़ रुपये मिलने हैं। इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय में पंजाब पुनर्गठन कानून के तहत राज्य के हिस्सेदारी बनती है।

पंजाब पुनर्गठन कानून के तहत हिमाचल पंजाब व हरियाणा से बीबीएमबी के तीन पावर प्रोजेक्टों 1325 मेगावाट भाखड़ा, 396 मेगावाट पौंग व 990 मेगावाट बीएसएल में हिस्सेदारी मांग रहा है। दो सितंबर, 2011 को सर्वोच्च न्यायालय ने हरियाणा व पंजाब को पंजाब पुनर्गठन कानून के तहत बीबीएमबी प्रोजेक्टों में हिमाचल की हिस्सेदारी देने को कहा था।

जनवरी 1966 से अक्टूबर 2011 तक की हिस्सेदारी बकाया

भाखड़ा पावर प्रोजेक्ट में पहली जनवरी 1966 से अक्टूबर 2011 तक की हिस्सेदारी बकाया है। बीएसएल में 1977 से अक्टूबर 2011 तथा पौंग डैम में 1978 से अक्टूबर 2011 तक की हिस्सेदारी के एवज बकाया राशि का भुगतान पंजाब व हरियाणा को करना है। तीनों पावर प्रोजेक्टों से 13,066 मिलियन यूनिट बिजली बकाया के एवज में प्रदेश को मिलनी है।

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