प्राकृतिक खेती

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प्राकृतिक खेती के उत्पादों को आनलाइन बेचने पर सरकार कर रही विचारचिन्हित की दस मंडियां, इनमें बेचे जाएगे ऐसे उत्पाद

प्रदेश में प्राकृतिक खेती को और बढ़ावा मिलेगा। सरकार इस तरह की खेती के उत्पादों को आनलाइन बेचने पर विचार कर रही है। इस संबंध में प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना की समीक्षा बैठक हुई। राज्य सचिवालय में आयजित इस बैठक की अध्यक्षता कृषि सचिव राकेश कंवर ने की।कृषि सचिव ने कहा कि पर्यावरण-हितैषी प्राकृतिक खेती तेजी से प्रदेश में बढ़ रही है। राज्य सरकार ने भी इस योजना को अपना महत्वपूर्ण कार्यक्रम बनाया है और इस वित्त वर्ष के लिए नए लक्ष्य तय किए हैं।

चिन्हित की दस मंडियांसरकार ने प्राकृतिक खेती के उत्पादों की बिक्री के लिए प्रदेशभर में 10 मंडियां चिन्हित की हैं। इनके माध्यम से किसान अपना उत्पाद बेच सकेगें। इससे उनकी बाजार को लेकर आ रही समस्याएं हल हो जाएंगी। प्राकृतिक खेती उत्पादों को बाजार में सही दाम दिलाने के लिए उनकी मार्केटिंग और ब्रांडिंग पर काम किया जा रहा है।

कितने किसान जुड़े हैं प्राकृतिक खेती सेप्रदेशभर में 1 लाख 71 हजार से ज्यादा किसान-बागवान सभी 4 कृषि जलवायु क्षेत्रों में फल व फसलों की इस विधि से खेती कर रहे हैं। विविध फसलों को मंडियों में स्थान उपलब्ध करवाने के अलावा राज्य सरकार आनलाइन तरीके से भी प्राकृतिक खेती के उत्पादों को बेचने पर विचार कर रही है। कई गैर-सरकारी संस्थाओं ने भी प्राकृतिक खेती से तैयार उत्पादों को खरीदने में रुचि दिखाई है।

जिलों की प्रगति की भी समीक्षाबैठक के दौरान कृषि सचिव ने सभी जिलों की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने सभी जिला के अधिकारियों को तय समय सीमा के भीतर निर्धारित लक्ष्य प्राप्त करने के निर्देश दिए। इस दौरान परियोजना के कार्यकारी निदेशक प्रो राजेश्वर सिंह चंदेल ने एक प्रस्तुतीकरण के माध्यम से प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के विभिन्न पहलुओं को सामने रखा। बैठक में प्राकृतिक खेती में प्रमाणीकरण, ब्रांडिंग, मार्केटिंग और भविष्य की रणनीति के बारे में भी विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। इस बैठक में कृषि सचिव, कार्यकारी निदेशक, राज्य परियोजना कार्यान्वयन इकाई के अधिकारी एवं जिलों के परियोजना निदेशक, उप निदेशक मौजूद रहे।

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