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घर-घर नल लगने से महिलाओं को नदी, नालों, कुंओं व बावडियों से पानी लाने की समस्या से मिला छुटकारा

केंद्रीय योजनाओं के मुख्य बिंदु

– जल जीवन मिशन के तहत कुल 17.08 लाख नल लगाए जा चुके, यूपीए सरकार के दस साल के कार्यकाल में 3.32 लाख नल लगे थे

– प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण के 317546 लाभार्थी

– डीबीटी यानि प्रत्यक्ष लाभ अंतरण प्रणाली के तहत 81.77 करोड़ लाभार्थियों के बैंक खातों में 2258.89 करोड़ गए

– प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना का 266223 महिलाओं को लाभ मिल चुका और 122.23 करोड़ खर्च हुए

– सुकन्या स्मृद्धि योजना के 504138 को लाभ पहुंचा

– सामान्य टीकाकरण कार्यक्रम के तहत 950778 लोगों का टीकाकरण हुआ

घर-घर नल लगने से महिलाओं को नदी, नालों, कुंओं व बावडियों से पानी उठाकर लाने की समस्या से छुटकारा मिला। अब घर की रसोई से लेकर बाथरूम में नल खोलने की जरूरत है, पानी की धार बहने लगती है। प्रदेश के 17.08 लाख से अधिक घरों में नल से जल उपलब्ध हो रहा है। 2019 में जल जीवन मिशन आने के बाद 13.08 लाख नल लगने से हिमाचल देश का सबसे अग्रणी राज्य बना। इससे पहले प्रदेश में लग नलों की संख्या 7.62 लाख थी और 2014 से पहले साढ़ चार लाख नल लगे थे।

पहली अप्रैल 2023 तक जल शक्ति विभाग ने 1708727 भवन मालिक चिंहित किए थे। इस तरह से सभी घरों को नल से जल उपलब्ध करवाया जा चुका है। प्रदेश में चुनाव प्रचार अंतिम दौर में पहुंच चुका है और प्रमुख राजनीतिक दल कांग्रेस और भाजपा की ओर से प्रचार को ऐसा रंग दिया जा रहा है कि मतदाताओं को अपनी ओर लुभा सकें। ये कटु सत्य है कि प्रदेश में विकास की गाथा पीएम मोदी सरकार की योजनाओं की ओर से लिखी गई है, राज्य के विकास में पिछली यूपीए सरकार का भी आरंभिक योगदान रहा है।

 

 

 

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