देवभूमि के दूरदराज गांव के 89488 व्यक्तियों को अपने पैरों पर खड़ा कर गया कौशल प्रशिक्षण

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हिमाचल प्रदेश में युवा शक्ति को कौशल से जीवन में विकास की राह पर ले जाने का सफल प्रयास हुआ है। पिछले करीब एक दशक यानि अक्टूबर, 2015 से लेकर अब तक 89488 व्यक्तियों को सफलतापूर्वक प्रशिक्षित किया गया और 23139 लोगों को कंपनियों में रोजगार उपलब्ध करवाया। जोकि सरकारी नौकरी की राह ताकने के बजाए उद्यमशील होकर खड़े हुए हैं। महिलाएं भी सफलता की कहानियां लिख रही हैं और हर क्षेत्र में प्रशिक्षण लेने के लिए आगे आ रही हैं। प्रदेश का युवा वर्ग जो रोजगार के अलावा स्वरोजगार और स्टार्टअप शुरू करने की तरफ़ भी अग्रसर है। हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम ने ऐसे लोगों को अपने सपने साकार करने के लिए तकनीकी प्रशिक्षण कार्यक्रमोंं और उद्याेग परामर्श के द्वारा उनकी मदद की है। उसका परिणाम ये है कि प्रदेश का युवा तकनीकी रूप से शिक्षित होकर स्वाबलम्बन और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है।

अक्षय राणा की सफलता की कहानी

कांगड़ा जिला के 28 वर्षीय अक्षय राणा की सफलता की कहानी दूसरे युवाओं के लिए भी प्रेरणा स्त्रोत है। लेमन ट्री कंपनी के साथ एक साल के फूड प्रोडक्शन प्रशिक्षण कार्यक्रम को पूरा करने के बाद मालदीव स्थित कंपनी में 4100 अमेरिकी डालर वार्षिक वेतन के साथ प्लेसमेंट प्राप्त की। अक्षय के जैसे ही अनेक ऐसे सैंकड़ों युवा हैं, जिनके सपने दुबई, अमेरिका, आस्ट्रेलिया, कनाड़ा, न्यूजीलैंड में साकार हो रहे हैं।

कौशल विकास निगम युवाओं का सहारा बनकर खड़ा हुआ

पिछले कुछ वर्षाें से महिला भागीदारी को 45 प्रतिशत से अधिक प्राप्त करने के लक्ष्य पर काम हो रहा है। प्रदेश की 64 आईटीआई में 29 ट्रेडों में उपकरणों को अपग्रेड किया जा रहा है, ताकि युवाओं को आधुनिक प्रशिक्षण प्राप्त हो सके। अक्टूबर 2021 में रेहन में महिला पालिटेक्निक की स्थापना और संचालन। पालिटेक्निक की वार्षिक प्रवेश क्षमता 360 महिला छात्रों की है और 120 महिला छात्रों के लिए छात्रावास सुविधाएं प्रदान करता है। वर्तमान में, 337 महिला छात्र 3 साल के डिप्लोमा पाठ्यक्रम में नामांकित हैं। 27 कौशल विकास और आजीविका केंद्रों की स्थापना की जा रही है ताकि युवाओं और वंचितों को सशक्त बनाया जा सके। उद्योग साझेदारियों के माध्यम से युवाओं को सक्रिय रूप से मजबूत प्लेसमेंट नेटवर्क स्थापित हो रहा है। सफल प्रशिक्षुओं को मशहूर संस्थानों जैसे की बार्बिक्यू नेशन, ऐमेजोन, यूनिकलो, ऐल्कमिस्ट, वर्धमान से रोजगार के अवसर प्राप्त हुए हैं।

कौशल रथ से युवाओं को जागरूकता

इंटरनेट के इस युग में सूचना का प्रचार और प्रसार बहुत आसान हो गया है ,लेकिन क्या सही है क्या गलत है,कई बार यह पता नहीं चल पाता। प्रदेश के दूरदराज इलाकों में अभी भी लोग व्यक्तिगत संपर्क के माध्यमों में विश्वास रखते हैं। लेकिन निगम ने राज्य के सभी 12 जिलों तथा 68 विधानसभा क्षेत्रों में जगह-जगह कौशल रथ द्वारा प्रचार और प्रसार का बीड़ा उठाया है। यह महत्वपूर्ण पहल है। प्रदेश के स्कूलों, आईटीआई के मौजूदा छात्रों या जो छात्र किसी तरह अपनी शिक्षा, प्रशिक्षण पूरा नहीं कर पाए, ऐसे छात्रों को विभिन्न प्रशिक्षणों के बारे में विस्तृत रूप से समझाना, रोजगार के अवसरों के बारे में बताना और सरकार द्वारा अनुदान तथा जो सुविधाएं निशुल्क दी जा रही हैं। उनको व्यक्तिगत रूप से जानकारी देना। निगम ने अब तक प्रदेश के 12 जिलों में 110736 छात्रों का पंजीकरण किया गया। प्रदेश में 238 आईटीआई हैं। जिनमें 103 सरकार द्वारा चलाई जाते हैं और 135 निजी संस्थाओं द्वारा चलाई जाती हैं।

बयान

यह निश्चित किया की सभी परियोजनाओं का लाभ हिमाचल के दूरदराज के क्षेत्रों में रह रहे उन बेरोजगार लोगों को भी मिले, जो अब तक किसी तरह स्वरोजगार या सरकारी नौकरी से वंचित रह गए हैं। उन्हें यह सब सुविधाएं और तकनीकी शिक्षा और

रोजगार के अवसर मिल रहे हैं। प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले हजारों युवा देश-विदेश में स्वयं तो रोजगार प्राप्त कर रहे हैं और अन्य प्रशिक्षित युवाओं का सहारा बने हैं।

गंधर्वा राठौर, प्रबंध निदेशक प्रदेश कौशल विकास निगम।

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