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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से हिमाचल मांगेगा विशेष पैकेज

नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में केंद्रीय बजट के संदर्भ में राज्यों के वित्त मंत्रियों की बैठक में हिमाचल सरकार गंभीर वित्तीय संकट का राग अलापने जा रही है। इस बैठक में हिमाचल विशेष पैकेज की मांग उठाएगा। प्रदेश सरकार की ओर से राज्य के एनपीएस कर्मचारियों के केंद्र सरकार की पेंशन एजेंसी के पास जमा 10070 करोड़ लौटाने का मामला उठाया जाएगा। वित्त मंत्रियों की बैठक में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू नहीं जा रहे हैं। उनकी जगह संसदीय कार्यमंत्री हर्षवर्धन चौहान वित्त मंत्रियों की बैठक में शामिल होंगे। केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण को राज्य की ओर से प्रस्तुत किए जाने वाले प्रस्ताव को मुख्यमंत्री ने स्वीकृति प्रदान की है।

ऐसी जानकारी है कि इस प्रस्ताव में सरकार चाहती है कि केंद्र सरकार हिमाचल प्रदेश को विविद्धतापूर्ण परियोजनाओं के लिए बजट आबंटित की जाए। सरकार की तरफ से पिछले साल आई प्राकृतिक आपदा और बाढ़ से हुए नुकसान से भरपाई के लिए केंद्र सरकार ने कोई राहत पैकेज नहीं दिया है। इससे भी अवगत करवाया जाएगा कि राज्य सरकार की ओर से पुरानी पेंशन योजना लागू करने की स्थिति में केंद्र सरकार ने दो फीसदी अतिरिक्त ऋण की सुविधा को समाप्त कर दिया है। ऋण की सीमा को 6200 करोड़ रुपये अतिरिक्त बढ़ाने का पक्ष रखा जाएगा। 21 जून को राज्यों के वित्त मंत्रियों की बैठक है और 22 जून को जीएसटी काऊंसिल की बैठक होती है। 2017 में जीएसटी गैप फंडिंग 2022 तक राज्य को मिलती रही। प्रदेश सरकार की ओर से 2000 करोड़ की धनराशि जारी रखे जाने का विषय उठाया जाएगा।

विभिन्न मदों में 19 हजार 282 करोड़ रुपए की धनराशि जारी

राज्य को एक साल में केंद्र से 19 हजार 282 करोड़ रुपए मिले हैं, यह मदद विभिन्न मदों में आई है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में केंद्र से हिमाचल प्रदेश को कितनी धनराशि जारी की गई। 15 जनवरी 2024 तक विभिन्न मदों में 19 हजार 282 करोड़ रुपए की धनराशि जारी हुई है। सरकार की ओर से केंद्रीय योजनाओं में बजट वृद्धि को लेकर पक्ष रखा जाएगा।

एनपीएस के 10070 करोड़ देने का मामला

कांग्रेस ने सत्ता में आते ही पहली कैबिनेट बैठक में पुरानी पेंशन योजना लागू की थी, ऐसे में हिमाचल सरकार की ओर से एनपीएस के 10070 करोड़ वापस मांगे जा रहे है। प्रदेश सरकार की ओर से ओपीएस लागू किए जाने के कारण केंद्र सरकार ने अतिरिक्त ऋण की सुविधा वापस ले ली है।

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