– एफआरबीएम एक्ट में संशोधन पहली बार नहीं हो रहा है, इससे पहले भी एफआरबीएम में कई बार संशोधन हो चुका
– एफआरबीएम)संशोधन विधेयक ध्वनिमत से पारित
मुख्यमत्री जयराम ठाकुर का कहना है कि कर्ज लेने और हिमाचल प्रदेश को कर्ज में डूबोने की जिम्मेदारी कांग्रेस की है। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि एफआरबीएम एक्ट में संशोधन पहली बार नहीं हो रहा है, इससे पहले भी एफआरबीएम में कई बार संशोधन हो चुका है। विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन प्रदेश विधानसभा में राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन (एफआरबीएम)संशोधन विधेयक ध्वनिमत से पारित हुआ। संशोधन विधेयक पर हुई चर्चा के दौरान विपक्ष ने सरकार पर फिजूलखर्ची का आरोप लगाया।
विधेयक के पारित होने से राज्य की कर्ज लेने की सीमा को राज्य की कुल जीडीपी के तीन प्रतिशत से अधिक हो गई। विपक्ष ने यह कहते हुए एक्ट में संशोधन का विरोध किया कि सरकारी खजाने से पार्टी के कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। ऐसे में एफआरबीएम एक्ट में संशोधन बेमानी है।
उन्होंने कहा कि एफआरबीएम अधिनियम में संशोधन के कदम का बचाव करते हुए कहा कि कोविड महामारी के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है, हिमाचल भी इससे अछूता नहीं रहा है। उन्होंने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि कृपया वह स्वीकार करें कि ये आपका शासन है जो राज्य की खराब वित्तीय स्थिति के लिए जिम्मेदार है।
जयराम ठाकुर ने खुलासा किया कि 2013.14 में राजकोषीय घाटा 4.23 प्रतिशत था जो 2016.17 में 4.70 प्रतिशत पर पहुंच गया। हम इसे 2.70 प्रतिशत तक लाने में कामयाब रहे और यह वर्तमान में 2021.22 में 2.99 प्रतिशत रहा। चूंकि हमारी उधार सीमा अधिनियम के तहत तीन प्रतिशत तय की गई है, इसलिए हम इससे अधिक होने की स्थिति में संशोधन कर रहे हैं।
सदन में पेश किए गए संशोधन पर चर्चा के दौरान विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने सरकार पर लग्जरी वाहन, हेलीकाप्टर खरीदकर और मेगा इवेंट आयोजित कर फिजूलखर्ची करने का आरोप लगाया। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा हिमाचल में बुलेट प्रूफ खरीदने की क्या जरूरत है, मुख्य सचिव को 50 लाख रुपये का वाहन खरीदने की इजाजत क्यों दी जा रही है। अग्निहोत्री ने प्रदेश सरकार पर केंद्र की मोदी सरकार से कर्ज माफी या वित्तीय पैकेज लेने में विफल रहने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा आप डबल इंजन वाली सरकार के बारे में लंबे-चौड़े दावे करते हैं।
लेकिन कृपया बताएं कि मोदी सरकार ने हिमाचल को और क्या दिया है। उन्होंने सरकार पर दिल्ली और चंडीगढ़ हवाई अड्डों पर भी भारी मात्रा में विज्ञापन और होर्डिंग पर सरकारी धन बर्बाद करने का आरोप लगाया। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार ने राज्य को दिवालिया होने के कगार पर धकेल दिया है। जिससे भविष्य में किसी भी सरकार के लिए राज्य की वित्तीय स्थिति में सुधार करना मुश्किल होगा। उन्होंने आगाह किया कि वर्ष 2023 में 3500 करोड़ रुपये का जीएसटी आवंटन समाप्त होने के बाद राज्य की वित्तीय स्थिति और खराब होगी।