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कुलपति की नियुक्तियों को लेकर राज्यपाल और सरकार में फिर ठनी

हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर और बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी सोलन में कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर राज्यपाल और सरकार ने ठन गई है। हाल ही में राजभवन सचिवालय की तरफ से दोनों विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति के लिए आवेदन मांगे गए थे, जिसे सरकार ने रद कर दिया था। इसी दौरान राजभवन सचिवालय ने कुलपति पद के लिए आवेदन की तिथि बढ़ा दी थी। लेकिन इस बीच एक याचिका पर हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश देते हुए राजभवन की आवेदन प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। सरकार ने दोनों विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति को लेकर विधानसभा में संशोधन बिल पारित किया था, जिसे राज्यपाल की मंजूरी को भेजा गया है।

राज्यपाल ने बिल पर कुछ आपत्ति लगाते हुए वापस भेजा हुआ है, जिसके कारण राजभवन व सरकार के बीच में टकराव बढ़ गया है। रिज मैदान पर स्थित भारत रत्न एवं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी पुण्यतिथि के आयोजित कार्यक्रम में पहले राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल पुष्पांजलि अर्पित करने के लिए पहुंचे। उनके साथ उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह व पूर्व मंत्री सुरेश भारद्वाज सहित अन्य लोग मौजूद थे। उसके बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करने के लिए पहुंचे। दोनों ने मीडिया प्रतिनिधियों से बात की। दोनों की ओर से रखे गए कथन से राजभवन व सरकार के बीच में टकराव की स्थिति पैदा हो गई है।

राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल का कथन

राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी आफ एग्रीकल्चर, हार्टिकल्चर एंड फारेस्ट्री संशोधन विधेयक को दोनों विश्व विद्यालय के हित में वापस भेजा है। जहां तक हाईकोर्ट ने जो रोक लगाई है, उसपर मुझे कुछ कहना नहीं है। लेकिन जो निर्णय लिया है, वह प्रदेश और विश्वविद्यालय के हित में है और जो करना होगा वह करेगें। अब जनता को इस पर फैसला लेना है। आखिर कृषि और बागवानी विश्व विद्यालय के साथ ऐसा क्यों किया जा रहा है, इस जनता विचार करेगी तो स्वयं समझ आ जाएगा।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह का कथन

वहीं, दोनों विश्वविद्यालयों में कुलपति की नियुक्ति मामले को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि विश्वविद्यालय में कुलाधिपति को राज्य विधानमंडल शक्तियां देता है। जब सरकार को निर्देश देती है, तो उसे कुलाधिपति को मानना चाहिए व उसकी अनुपालना की जानी चाहिए। सरकार ने कुलपति की नियुक्ति की अधिसूचना को वापस लेने को कहा, लेकिन राजभवन ने आवेदन की तिथि बढ़ा दी। अब हाईकोर्ट ने भी उसमें रोक लगा दी है। सरकार ने कृषि और बागवानी विश्वविद्यालय को लेकर एक बिल पारित किया है जो मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास पड़ा रहा। अब राजभवन ने उसमें कुछ आपत्तियां लगाई है और बिल को वापस भेजा है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने इससे आगे कहा कि इसके अतिरिक्त भी कई महत्वपूर्ण बिल राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए लंबित है। जिसमें सुखाश्रय बिल, भ्रष्टाचार संबंधी बिल है, जिसे मंजूरी नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि मैं इस संदर्भ में राज्यपाल से बात करूंगा और जल्द समाधान निकाला जाएगा।

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