प्रदेश में हो रहे तीन विधानसभा के उपचुनाव के परिणाम आने से एक दिन पहले 12 जुलाई को दोपहर 12 बजे मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई गई है। माननीयों की 84 लाख से अधिक की आवासीय देनदारियों को माफ करने का निर्णय मंत्रिमंडल की बैठक में लिया जा सकता है। 94 हजार करोड़ रुपये की देनदारियों के बोझ तले दबे हिमाचल प्रदेश की आर्थिकी को पटरी पर लाने के लिए पर्यटन ही एक मात्र सहारा है। प्रदेश की आर्थिकी में पर्यटन का करीब 9 फीसदी योगदान है तथा सरकार होम स्टे के लिए नई नीति लाकर अपने वित्तीय संसाधनों में वृद्धि करना चाहती है।
होम स्टे में वित्तीय संसाधनों की संभावनाओं को तलाशने के लिए सरकार ने उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल उपसमिति गठित की है, जिसमें शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी सदस्य है। मंत्रिमंडलीय उपसमिति की बैठक 11 जुलाई को होगी। बैठक में होम स्टे को लेकर गठित मंत्रिमंडलीय उपसमिति की सिफारिशों को चर्चा के लिए लाया जाएगा। इसमें होम स्टे इकाइयों के निर्माण में धारा-118 में रियासत देने संबंधी निर्णय लिया जा सकता है, ताकि इसमें बाहरी निवेशकों के लिए निवेश का रास्ता खुल सके। सरकार होम स्टे को बिना पंजीकरण संचालन की अनुमति भी नहीं देगी। यानी बिना हो स्टे संचालन पर जुर्माना बढ़ेगा और दोबारा से पंजीकरण करवाने की अवधि भी निर्धारित होगी। सरकार की तरफ से इससे पहले
विधानसभा में हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास और रजिस्ट्रीकरण (संशोधन) विधेयक, 2023 को प्रस्तुत किया जा चुका है, जिसमें फिर से संशोधन किया जा सकता है। मंत्रिमंडल बैठक में शिक्षा विभाग सहित अन्य विभागों में खाली पड़े पदों को भरने को लेकर निर्णय लिया जा सकता है। इसके अलावा विभिन्न विभागों की तरफ से लाए जाने वाले प्रस्तावों के आधार पर निर्णय लिया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि 3 विधानसभा क्षेत्रों देहरा, नालागढ़ एवं हमीरपुर उपचुनाव का प्रचार थमने के बाद प्रदेश सचिवालय की रौनक लौट आएगी। इसके तहत मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल सहयोगी सरकारी कामकाज में जुट जाएंगे।
अगस्त में होना है विधानसभा का मानसून सत्र
हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र अगस्त माह में शिमला में ही होगा। ऐसे में मंत्रिमंडल की 12 जुलाई को होने वाली बैठक या फिर इसके बाद निर्णय लिया जा सकता है। बजट सत्र में सरकार पर आए संकट के बाद प्रदेश 9 उपचुनावों की प्रक्रिया से होकर गुजरा है। इसमें से 3 उपचुनाव की प्रक्रिया मानसून सत्र से पहले पूर्ण हो जाएगी, जिससे विधानसभा की सभी रिक्तियों को भर लिया जाएगा। बजट सत्र में संकट में आई प्रदेश सरकार 4 उपचुनाव जीतने के बाद सत्तारुढ़ कांग्रेस के विधायकों की संख्या 38 हो गई है। यानी अब सत्तारुढ़ दल 3 उपचुनाव भी हार जाता है, तो भी उसके पास पूर्ण बहुमत है।