भाजपा विधायक सुधीर शर्मा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लेकर आए हैं। ये प्रस्ताव विधानसभा में बार-बार झूठ बोलने पर केंद्रित है। सुधीर शर्मा ने तीन पेज का प्रस्ताव विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया को प्रेषित किया है। इसकी एक प्रति सुधीर शर्मा ने अपने इंटरनेट मीडिया पर भी जारी की है। उन्होंने मुख्यमंत्री पर विधानसभा में बार-बार झूठ बोलने के आरोप लगाए हैं। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया को लिखे पत्र में सुधीर शर्मा ने हवाला दिया है कि मुख्यमंत्री ने वर्ष 2025-26 के बजट भाषण में 25 हजार युवाओं को रोजगार दिए जाने की बात कही थी, जबकि गत वर्ष मानसून सत्र के दौरान सदन में जानकारी दी थी कि 34 हजार से अधिक युवाओं को रोजगार दिया। इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस पर मुख्यमंत्री ने 23 हजार युवाओं को रोजगार दिए जाने की बात कही।
विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव में सुधीर शर्मा ने कर्मचारियों को तीन प्रतिशत डीए की किश्त जारी करने के मामले में गुमराह किया। डीए के संबंध में वर्तमान वित्त वर्ष के बजट में डीए दिए जाने की घोषणा की थी। कर्मचारियोंं को डीए अभी तक मिला नहीं और न ही मिलने की संभावना नजर आ रही है। 15 फरवरी, 2024 को प्रश्न संख्या 1273 के जवाब में सरकार ने बताया कि वर्ष 2023 की आपदा प्रभावितों को मुआवजे के तौर पर 483 करोड़ रुपए दिए गए, जोकि सरासर झूठ है। सुधीर शर्मा ने कहा कि दो दिन पहले मेरे एक सवाल के जवाब में बताया गया कि 403 करोड़ की राहत राशि वितरित की है। इसमें से 96 करोड़ रुपए वित्तीय वर्ष 2022-23 का है। यानी इस सरकार ने 307 करोड़ की राहत राशि ही दी है। पहले बजट सत्र से ही सरकार ने हर विधानसभा क्षेत्र में एक आदर्श स्वास्थ्य संस्थान बनाने की घोषणा की। हर विधानसभा सत्र में सरकार द्वारा इस दावे को दोहराया जाता रहा है। आज तक एक भी ऐसा संस्थान में नहीं बना। भाजपा के 28 विधायकों के विधानसभा क्षेत्रों में ऐसा कोई संस्थान विकसित नहीं हुआ। प्रदेश के अस्पतालों में पैट स्कैन मशीनें लगाने की बात भी लगातार हो रही है, लेकिन अभी तक पैट स्कैन मशीन किसी एक अस्पताल में नहीं स्थापित हो पाई।
उनका कहना है कि आपदा राहत के बारे में, सरकारी रोजगार, स्वरोजगार के बारे में, अपनी दस गारंटियों के बारे में सरकार कितनी बार सदन में झूठ बोला है उसकी गिनती नहीं की जा सकती है। गारंटियों के मामले में मुख्यमंत्री के वक्तव्य को विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने भी खारिज कर उन्हें सदन की कार्यवाही में भी झूठा साबित कर चुके हैं।
सुधीर शर्मा ने कहा कि विमल नेगी मौत मामले में सरकार ने नेगी के परिवार को हर तरह की जांच करने का आश्वासन दिया था। लेकिन जब सीबीआई जांच की बात आई तो सरकार सीबीआई की जांच की अनुमति नहीं मिले, इसके लिए कोर्ट गई।