कांग्रेस से विद्रोह कर विधानसभा सदस्यता गंवाने के बाद भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं का विरोध न हो, भाजपा इस प्रयास में जुट गई है। इन छह नेताओं को भाजपा ने उपचुनाव में प्रत्याशी बनाया है। भाजपा का मानना है कि तीन दिनों तक ऐसे प्रयास किए जाएं कि इन क्षेत्रों में भाजपा के कार्यकर्ताओं और भाजपा के स्थानीय नेताओं का असंतोष बगावत में न बदले।वरिष्ठ नेताओं को सभी मंडलों से बैठक करने व नए प्रत्याशी पर सहमति बनाने का काम सौंपा है। इसमें पार्टी को सफलता भी मिल रही है।
पहले रुझानों में गगरेट से भाजपा प्रत्याशी रहे राजेश ठाकुर ने कह दिया है कि वे पार्टी के सिपाही हैं और पार्टी के निर्णय के साथ हैं। देहरा में मंडल निर्दलीय विधायक के साथ है, पूर्व भाजपा प्रत्याशी रमेश धवाला भी मान जाएंगे, ऐसे संकेत हैं। कुटलैहड़ में पूर्व भाजपा प्रत्याशी वीरेंद्र कंवर के मानने की पूरी संभावना जताई जा रही है। सुजानपुर में पूर्व प्रत्याशी अभी विरोध कर रहे हैं। दिलचस्प पहलू यह है कि इन क्षेत्रों में भाजपा के वे नेता मान जाने की मुद्रा में हैं जो मूलत: भाजपा से हैं। बगावत वहां दिख रही है जहां भाजपा के मौजूदा नेताओं का संबंध पहले कांग्रेस या किसी और दल से रहा है।