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सेना प्रशिक्षण कमान युद्ध में प्रयोग हो रही अत्याधुनिक तकनीक को कर रहा प्रशिक्षण में शामिल

रुस-यूक्रेन युद्ध और अन्य चल रहे युद्धों में इस्तेमाल हो रही हर तरह की तकनीक का अवलोकन कर उसके नफा नुकसानों को सामने रखते हुए सैनिकों और अधिकारियों के प्रशिक्षण में शामिल किया जा रहा है। जिससे अधिकारियों व सैनिकों को अत्याधुनिक तकनीकों से लैस किया जा सके। देश के 36 प्रशिक्षण केंद्रों के माध्यम से सेना प्रशिक्षण कमान हर क्षेत्र में अधिकारियों और सैनिकों और अग्निवीरों को प्रशिक्षित कर रही है। यही नहीं आठ मित्र राष्ट्रों के सैनिकों व अधिकारियों को उनकी मांग के आधार पर 11 मोबाइल ट्रेनिंग टीम के माध्यम से 273 कोर्स का प्रशिक्षण किया जा रहा है। ये बात आरट्रेक शिमला में आयोजित अलंकरण समारोह के दौरान अति विशिष्ट सेवा पदक, युद्ध सेवा पदक, विशिष्ट सेवा पदक प्राप्त जनरल आफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, सेना प्रशिक्षण कमान लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही।

लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह ने पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवाल सेना के उपयोग के लिए विदेशों से आयात होने वाले उपकरण व अस्त्र-शस्त्र आदि के संबंध में कहा कि थल सेना के लिए 90 प्रतिशत देश में ही तैयार हो रहा है अब ये स्थिति है कि पहले विदेशों को निर्यात नहीं होता था अब निर्यात भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भविष्य में होने वाले युद्धों के लिए उस समय की जरूरतों को शामिल कर प्रशिक्षण प्रदान किए जा रहे हैं।

सेना में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों व जवानों के सम्मान में मंगलवार को आरट्रेक कमांड में अलंकरण समारोह का आयोजन किया गया। सेना मुख्यालय आरट्रेक कमांड में आयोजित वार्षिक अलंकरण समारोह के दौरान सेना कमांडर लेफ्टिस्ट जनरल मनजिंदर सिंह ने मिलिट्री कालेज आफ टेलीकम्युनिकेशन में उत्कृष्ट कार्य के लिए पुरस्कार प्रदान किए। भारतीय सेना के प्रशिक्षण मानकों को बढ़ाने में उनके योगदान के लिए पांच अधिकारियों, एक जूनियर कमीशन अधिकारी और एक सैनिक को तकनीकी उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पांच प्रशिक्षण प्रतिष्ठानों को जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, आर्मी ट्रेनिंग कमांड यूनिट प्रशंसा और चार प्रशिक्षण प्रतिष्ठानों को वित्तीय उत्कृष्टता पुरस्कार दिया गया।

इन्हें किया सम्मानित

प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त करने वालों में मिलिट्री इंटेलिजेंस ट्रेनिंग स्कूल एंड डिपो, पुणे, आर्मी मेडिकल कोर

सेंटर एंड कॉलेज, लखनऊ, कोर आफ मिलिट्री पुलिस सेंटर एंड स्कूल, बैंगलोर, आर्मी इंस्टीट्यूट आफ फिजिकल ट्रेनिंग, पुणे, जूनियर लीडर्स एकेडमी, बरेली शामिल हैं। वारगेमिंग डेवलपमेंट सेंटर, नई दिल्ली और स्पेशल फोर्स ट्रेनिंग स्कूल, बकलोह इन प्रशिक्षण प्रतिष्ठानों ने भारतीय सेना के प्रशिक्षण मानकों को बढ़ाने और 21वीं सदी के लिए एक मजबूत बनाने में असाधारण योगदान दिया है।

इसके अलावा, चार प्रशिक्षण संस्थानों में मिलिट्री कालेज आफ टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग, महू, जूनियर लीडर्स एकेडमी, बरेली, कोर आफ मिलिट्री इंजीनियरिंग, पुणे और वारगेमिंग डेवलपमेंट सेंटर, नई दिल्ली को वित्तीय उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

व्यक्तिगत श्रेणी में मिलिट्री इंजीनियरिंग कोर पुणे के लेफ्टिनेंट कर्नल जेके वर्मा, मिलिट्री कालेज आफ इलेक्ट्रिकल एंड मैकेनिकल इंजीनियरिंग, सिकंदराबाद की मेजर प्रीति मुडेला और मेजर टी इरोम, आर्मी एयरबोर्न ट्रेनिंग स्कूल आगरा के मेजर अतुल पठानिया, मेजर गुरपाल सिंह मिलिट्री कालेज आफ टेलीकम्युनिकेशन एंड इंजीनियरिंग, महू, नायब सूबेदार सुनील पाटिल, इलेक्ट्रिकल मैकेनिकल इंजीनियरिंग स्कूल, वडोदरा और सिम्युलेटर डेवलपमेंट डिवीजन सिकंदराबाद के सीएफएन राहुल परमार को उनके नवाचारों के लिए तकनीकी उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित किया

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