आज विधानसभा अध्यक्ष पठानिया से मिलने पहुंचेंगे तीनों निर्दलीय विधायक, त्याग पत्र स्वीकार नहीं किया गया तो विधानसभा के बाहर धरने पर बैठेंगे

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हिमाचल प्रदेश विधानसभा से त्याग पत्र दे चुके तीन निर्दलीय विधायकाें का त्याग पत्र एक सप्ताह गुजर जाने पर भी स्वीकार नहीं हुआ है। इस तरह की स्थिति को देखते हुए तीनों निर्दलीय विधायकों ने शनिवार को विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया से मुलाकात करने की योजना बनाई है। अध्यक्ष से यदि मिलना होता है तो तीनों निर्दलीय विधायक एक बार फिर से त्याग पत्र स्वीकार करने को लेकर अपना-अपना पक्ष रखेंगे। त्याग पत्र मंजूर न होने की स्थिति में निर्दलीय विधायक विधानसभा के बाहर धरना देंगे। प्रदेश के इतिहास में संभवत: ऐसा पहली बार होगा कि कोई सदस्य अपना त्याग पत्र मंजूर करवाने की मांग को लेकर धरना देगा।

22 मार्च को त्याग पत्र दिया और 23 मार्च को भाजपा में शामिल हुए थे

हिमाचल विधानसभा में चुन कर आए तीन निर्दलीय विधायकों आशीष शर्मा, होशियार सिंह व केएल ठाकुर ने 22 मार्च को विधानसभा की सदस्यता से त्याग पत्र दिया था। इसके बाद तीनों विधायक 23 मार्च को दिल्ली में भाजपा में शामिल हो गए। विधायकों ने पहले विधानसभा सचिव को त्याग पत्र सौंपा था। इसके बाद वह राज्यपाल से मिले। फिर व्यक्तिगत तौर पर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया से मुलाकात कर उन्हें भी त्याग पत्र सौंपा। साथ ही विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष का आभार भी जताया था।

जगत सिंह नेगी व रोहित ठाकुर ने शिकायत की थी

इन विधायकों का त्याग पत्र मंजूर हो पाता, इससे पहले राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी तथा शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने विधानसभा अध्यक्ष को शिकायत की। शिकायत में कहा गया कि 5 साल के लिए चुन कर आए विधायक 15 माह में त्याग पत्र दे रहे हैं। ऐसा लगता है कि इनपर कोई दबाव है। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने निर्दलीय विधायकों को नोटिस भेज कर उनसे 10 अप्रैल को दोपहर 12.15 बजे पक्ष रखने को कहा है। त्याग पत्र मंजूर न होने से तीनों विधायक असमंजस की स्थिति में हैं।

अध्यक्ष ने त्याग पत्र स्वीकार नहीं किया तो हम तीनों धरने पर बैठेंगे: होशियार सिंह

उधर, देहरा विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक होशियार सिंह ने बताया कि उन्होंने अपनी मर्जी से त्याग पत्र दिया है। उन पर किसी प्रकार का कोई दबाव नहीं है। ऐसे में विधानसभा अध्यक्ष को हम तीनों निर्दलीय विधायकों का त्याग पत्र स्वीकार करना चाहिए। यदि विधानसभा अध्यक्ष की ओर से त्याग पत्र स्वीकार नहीं किया जाता है तो हम तीनों निर्दलीय विधायक विधानसभा में धरने पर बैठेंगे।

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