एसीएस, डीजीपी और एसपी हटाए

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मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ऊर्जा निगम के मुख्य अभियंता विमल नेगी मौत मामले में लापरवाही और अनुशासनहीनता के आरोपों के चलते सख्त निर्णय लिया है। सरकार ने मंगलवार देर शाम अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस-गृह) ओंकार शर्मा, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) डा. अतुल वर्मा और शिमला के पुलिस अधीक्षक (एसपी) संजीव गांधी को हटा दिया है।

इन अधिकारियों के स्थान पर वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। सरकारी प्रवक्ता ने इसकी पुष्टि की है। गृह सहित ओंकार शर्मा के पास अन्य विभागों का कार्यभार केके पंत को सौंपा गया है जबकि जल शक्ति विभाग सचिव संदीप कदम और जनजातीय विभाग राखिल काहलों को सौंपा गया है। डीजीपी का अतिरिक्त कार्यभार डीजी विजिलेंस अशोक तिवारी को सौंपा गया है। सोलन के एसपी गौरव सिंह को शिमला का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है। इस संबंध में मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की ओर से अधिसूचना जारी की गई। इस मामले में अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रदेश पुलिस महानिदेशक और एसपी शिमला ने महाधिवक्ता (एजी) से वैट करवाए बिना अलग-अलग जांच रिपोर्ट और स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की थी।

हाई कोर्ट के सीबीआइ को जांच सौंपने के आदेश के बाद एसपी शिमला ने डीजीपी पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। डीजीपी के शपथपत्र को गैर जिम्मेदाराना बताया था। डीजीपी आफिस के कर्मचारियों पर चिट्टा तस्करी व मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना पर केस की जांच प्रभावित करने के आरोप लगाए थे। उन्होंने पूर्व डीजीपी संजय कुंडू पर भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने धर्मशाला से भाजपा विधायक सुधीर शर्मा को भी विधायक खरीद मामले का मास्टरमाइंड बताया। मुख्यमंत्री ने एसीएस ओंकार शर्मा की रिपोर्ट पर भी आपत्ति जताई है क्योंकि उन्होंने एजी आफिस की वैटिंग के बगैर ही हाई कोर्ट में स्टेट्स रिपोर्ट सौंपी। रिपोर्ट तैयार करने के लिए सीएम ने ओंकार की प्रशंसा भी की है। ओंकार से नाराजगी वैटिंग नहीं करवाने की वजह से है।

डीजीपी ने स्टेटस रिपोर्ट में शिमला पुलिस की एसआइटी की जांच पर ही सवाल खड़े किए। विमल नेगी मामले में एसीएस, डीजीपी और एसपी ने हाई कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दायर की थी। तीनों की रिपोर्ट अलग-अलग थी। इस पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया था। ओक ओवर में हुआ तीन घंटे मंथनमुख्यमंत्री आवास ओक ओवर में तीन घंटे चली बैठक में इस मामले पर मंथन हुआ। कानूनी सलाह और हाई कोर्ट की टिप्पणियों को ध्यान में रखते हुए अधिकारियों पर कार्रवाई का निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार किसी भी स्तर पर अनुशासनहीनता सहन नहीं करेगी।आचरण की जांच के लिए दो सदस्य कमेटी गठितडीजीपी और एसपी के आचरण की जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी प्रदेश सरकार ने दो सदस्यीय कमेटी गठित की है। अतिरिक्त मुख्य सचिव आरडी नजीम और प्रधान सचिव विधि शरद कुमार लगवाल जांच करेंगे।

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