चार्जिंग स्टेशनों पर विधायक की प्राथमिकता नाबार्ड को ई-बस खरीद के लिए धन उपलब्ध कराने में सक्षम कर सकती है

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सुक्खू सरकार में पहली बार लीक से हटकर विधायक प्राथमिकता बैठक आयोजित हुई थी। विधायक प्राथमिकता बैठक में आउट आफ द बाक्स विचार करते हुए सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की प्राथमिकता को शामिल किया था। विधायक प्राथमिकता में चार्जिंग स्टेशन न केवल शामिल किए गए थे, बल्कि चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए नाबार्ड से ऋण का भी प्रविधान करवाया था।

ऐसा माना जा रहा है कि विधायक प्राथमिकता बैठक में इलेक्ट्रिक बसों की खरीद को भी नाबार्ड से करवाने का रास्ता निकालने का प्रयास किया जाएगा। सामान्य तौर पर विधायक प्राथमिकता की बैठक सड़क, पुल, पेयजल व सिंचाई से संबंधित रहती थीं, लेकिन बदले समय में प्राथमिकताएं भी बदली हैं। उसी का परिणाम है कि इलेक्ट्रिक बसों का चलन बढ़ने से चार्जिंग स्टेशन प्राथमिकता में शामिल किया गया। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आयोजित होने वाली बैठक आज से सचिवालय के आर्म्जडेल कांफ्रेंस हाल में शुरू होगी।

पहले दिन सुबह साढ़े 10 बजे तीन जिलों कांगड़ा, किन्नौर और कुल्लू जिला के विधायकों के साथ बैठक होगी। दोपहर बाद 2 बजे से शाम पांच बजे तक सोलन, चंबा, बिलासपुर और लाहुल-स्पीति के विधायक मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी-अपनी प्राथमिकताएं रखेंगे। मंगलवार को दूसरे दिन चार फरवरी को सुबह साढ़े 10 बजे से दोपहर डेढ़ बजे तक शिमला और मंडी जिला के विधायकों के साथ बैठक होगी। जबकि दोपहर 2 बजे से शाम पांच बजे तक ऊना, हमीरपुर और सिरमौर जिला के विधायक बैठक में प्राथमिकताएं रखेंगे।

राेपवे की प्राथमिकता बाहर हुई

जयराम सरकार ने अंतिम वर्ष प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के लिए दो राेपवे परियोजनाएं विधायक प्राथमिकता में देने की शुरूआत की थी। विधायक प्राथमिकता के जरिये ही पंडोह से बगलामुखी तक रोपवे निर्माण को स्वीकृति प्रदान की गई थी, जिसके लिए नाबार्ड से ऋण की भी व्यवस्था हुई थी। सत्ता परिवर्तन होने के बाद रोपवे को प्राथमिकता से हटा दिया गया था। उसकी जगह चार्जिंग स्टेशन की प्राथमिकता को लिया गया।

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