भारत में चरित्र निर्माण में सबसे अधिक भूमिका धर्म की है

0

नारद जयंती के अवसर पर विश्व संवाद केंद्र शिमला में पत्रकारों के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में किस्मत कुमार ने कहा कि सत्य का अन्वेषण भारत की संस्कृति की विशिष्ट पहचान है। किस्मत कुमार ने कहा, जैसे आज भी एक भारतीय परिवार में किसी मनोकामना की पूर्ति के लिए सत्य नारायण की कथा करवाई जाती है। ताकि हम अपने मूल स्वरूप और मूल चिंतन सत्य के अनुसंधान से जुड़े रहे। विश्व के लोगों को धर्म का सही और व्यापक स्वरूप भारत ने ही बताया। क्योंकि भारत में चरित्र निर्माण में सबसे अधिक भूमिका धर्म की है जोकि मूल भारतीय तत्व सत्य के अन्वेषण पर आधारित है। उन्होंने कहा कि हमारे भारतीय समाज के आदर्श चरित्रों को खराब करने का योजनापूर्वक प्रयास किए किए गए। जैसे बुद्धि के देवता को मूर्ख बताने के लिए उनको गोबर गणेश, कृष्ण भगवान के लिए मिट्टी का माधो जैसे मुहावरे गढ़े गए।

उन्होंने बताया कि भारत के सेक्यूलर शब्द भारत के लिए है ही नही भारतीय समाज के चिंतन में आई गिरावट पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि आज हम अपने देश की अपेक्षा पश्चिमी देशों को प्राथमिकता देने लगे है। उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि एक परिवार में जाना हुआ जहां पर उनके सभी बच्चे अमेरिका में पढ़ते थे। उक्त परिवार के सदस्यों ने उनके साथ बड़े ही गर्व के साथ बताया कि हमारे बच्चे भारत में नहीं बल्कि अमेरिका में पढ़ते हैं। उनके हाव भाव बता रहे थे मानो भारतीय नई पीढ़ी अमेरिका या विदेशी शिक्षा से पढ़कर ही अपने को सार्थक समझती हों। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से हिंदू त्योहार नहीं आते फिर भी हम उस सभ्यता का अंधानुकरण कर रहे हैं। समाज में नारद को लेकर जो नकारात्मक विमर्श गढ़ा गया था उसको दूर करने का काम किया।

विशिष्ठ अतिथि प्रोफेसर मोहन बुधौलिया ने कहा नारद की छवि को बिगाड़ा गया है। उनकी छवि को सुधारना पत्रकारों का दायित्व है। पत्रकारों की शक्ति समाज सुधार में अहम है। पत्रकारों को इनके बेहतर काम के लिए पुरस्कार मिलने चाहिए। पत्रकारों को राष्ट स्तर पर और राज्य स्तर पर भी पुरस्कार मिलना चाहिए।

मुख्य अतिथि जनसंपर्क विभाग से सेवानिवृत निदेशक आरती सूद ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज वो समय है जब हम पुराने नकारात्मक विमर्श को लेकर जागरूक हो। उन्होंने नारद जी द्वारा लिखित समाज के लिए कल्याणकारी ग्रंथों का जिक्र किया जिसमे नारद भक्ति सूत्र, नारद पुराण, नारदीय ज्योतिष आदि ग्रंथ समाज के मार्गदर्शक का कार्य कर रहे हैं। इस अवसर पर प्रांत प्रचार प्रमुख प्रताप ने कहा कि आज आम नागरिकों की सहभागिता हुई है। अब पत्रकारिता कुछ लोगो तक सीमित नहीं नही रह गई है। इस मौके पर केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जय प्रकाश लिखित पुस्तक नारदीय संचार नीति का अनावरण किया गया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय से सेवानिवृत उपकुलपति नरेंद्र कुमार शारदा, विश्व संवाद केंद्र न्यास के अध्यक्ष राजेश बंसल, उपाध्यक्ष यादवेंद्र सिंह चौहान, प्रांत सह प्रचार प्रमुख मोतीलाल, वरिष्ठ पत्रकार अनिल हेडली सहित 100 से अधिक पत्रकारों ने सहभागिता की।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here