राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि यह देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कारगर सिद्ध होगी।
राज्यपाल ने आज शिमला जिला के रामपुर बुशहर में गोविंद वल्लभ पंत मेमोरियल महाविद्यालय में हिमाचल प्रदेश राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद द्वारा आयोजित राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 कार्यक्रम ‘छात्र संवाद’ के दौरान यह बात कही।
राज्यपाल ने कहा कि रामपुर का यह उनका पहला दौरा है। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) पर इस कार्यक्रम का आयोजन करने के लिए महाविद्यालय प्रशासन के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि विद्यार्थियों की प्रसन्नता स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि वे इस नीति को लेकर बहुत उत्साहित हैं। उन्होंने शिक्षकों से इस नीति का गहन अध्ययन करने तथा विद्यार्थियों की शंकाओं का समाधान करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह शिक्षा नीति देश की भावी पीढ़ी के लिए है, लेकिन शिक्षक इस नीति का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करेंगे।
उन्होंने कहा कि शिक्षा नीति बनाने की पहल पहली बार नहीं हुई है। इसके पहले भी प्रयास किए गए लेकिन पूर्व में किए गए प्रयास सफल नहीं हो पाये। उन्होंने कहा कि यह एनईपी पूरी तरह से शिक्षाविद्ों द्वारा तैयार की गई है, जो हमें हमारी मिट्टी से जोड़ती है।