राज्यों द्वारा आधार के उपयोग को बढ़ावा देने व इसके सरलीकरण के लिए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के क्षेत्रीय कार्यालय चंडीगढ़ ने सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, हिमाचल प्रदेश के सहयोग से आज यहां एक राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया।कार्यशाला की अध्यक्षता मुख्य सचिव आर. डी. धीमान ने की। इस अवसर पर अपने संबोधन में उन्होंने इस व्यापक और ज्ञानवर्धक कार्यशाला के आयोजन के लिए यूआईडीएआई का आभार व्यक्त किया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि प्रतिभागियों को अन्य राज्यों के सफल क्रियान्वयन के अनुभवों और लोगों के जीवन को आसान एवं सरल बनाने के तरीके तलाशने से लाभ होगा। उन्होंने कहा कि आधार में बच्चों के नामांकन में हिमाचल प्रदेश देश में दूसरे स्थान पर है। उन्होंने कहा कि राज्य ने ईपीडीएस और राशन कार्डों को आधार से जोड़ने में भी सराहनीय कार्य किया है।प्रधान सचिव सूचना प्रौद्योगिकी डॉ. रजनीश ने हिमाचल प्रदेश द्वारा आधार में बेस्ट प्रैक्टिसिस पर आधारित प्रस्तुति दी।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में आधार लिंकिंग परियोजना वर्ष 2010 में आरम्भ की गई थी और राज्य में इसका कवरेज सौ प्रतिशत से अधिक है।निदेशक खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति के.सी. चमन ने राज्य ई-पीडीएस वितरण प्रणाली में ई-केवाईसी कार्यान्वयन के बारे में जानकारी दी।डीडीजी यूआईडीएआई भावना गर्ग ने बताया कि आधार भारत के डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे का मूल स्तम्भ बन गया है। आधार की विशिष्टता, प्रमाणीकरण, फाइनेनशियल और ई-केवाईसी जैसी विशेषताओं के साथ सरकारी अधिकारियों को विभिन्न सब्सिडी, लाभ और सेवाओं को प्रदान करने तथा लोगों तक पहुंचने में सहायता मिली है। उन्होंने कहा कि आधार लागत प्रभावी तरीके से कभी भी, कहीं भी ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से सत्यापन योग्य है।